पीलीभीत : स्कूल जाते समय सुरक्षित नहीं बच्चे, परिवहन विभाग और स्कूल प्रबंधन कर रहा लगातार अनदेखी, लटककर जा रहे स्कूल
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : शहर के स्कूल-कालेजों में पढ़ने वाले बच्चों की जान जोखिम में डाली जा रही है। घर से स्कूल तक बच्चों को मानकविहीन वाहन ई-रिक्शा, जुगाड़ वाहन से भेजा जा रहा है, जो किसी भी स्तर सही नहीं है। स्कूल वाहन होने के बावजूद अभिभावक अपने बच्चों को ई-रिक्शा से भेज रहे हैं। इस दिशा में परिवहन विभाग और स्कूल प्रबंधन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। 1जनपद भर में सीबीएसई और यूपी बोर्ड के स्कूल-कालेज संचालित हो रहे हैं, जिसमें हजारों छात्र-छात्रएं अध्ययनरत हैं। बच्चों की सुविधा के लिए स्कूली वाहन लगे हुए हैं। इन वाहनों के अलावा ई-रिक्शा, जुगाड़ वाहन भी लगे हुए हैं, जो बच्चों को स्कूल से लाने और ले जाने का काम करते हैं। ये स्कूली वाहन परिवहन विभाग के मानक में फिट नहीं बैठते हैं। इसके बावजूद जुगाड़ वाहन व ई-रिक्शा धड़ल्ले से चल रहे हैं। अभिभावक स्कूली वाहन को छोड़कर अपने लाडले को जुगाड़ वाहन और ई-रिक्शा से स्कूल भेज रहे हैं, जो पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। ई-रिक्शा सब तरफ से खुला हुआ है, जो पूरी तरह से एंगिल पर बना होता है। चार सवारी के स्थान पर दस से अधिक बच्चों को बैठाकर स्कूल पहुंचाने का काम किया जा रहा है। स्कूल प्रबंधन तंत्र भी इन वाहनों पर कोई अंकुश नहीं लगाते हैं। यूपी बोर्ड और सीबीएसई के स्कूलों की छुट्टी होने पर ई-रिक्शा में बच्चे लटके हुए देखे जा सकते हैं, जो परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अभिभावक अपने लाडले की जान जोखिम में डालने का काम कर रहे हैं। 1क्षमता से अधिक भरे जाते हैं बच्चे : जिला मुख्यालय के इंग्लिश मीडियम स्कूलों में काफी दूर से आने वाले बच्चे पढ़ते हैं, जो जीप में आते हैं। जीप में निर्धारित मानक से अधिक बच्चों को भरकर लाया जाता है, जिससे बच्चों को काफी मुश्किल भरा सफर तय करना पड़ता है। बच्चों के बस्ते जीप की छत पर रख दिए जाते हैं। ऐसे वाहनों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए।जागरण संवाददाता, पीलीभीत : शहर के स्कूल-कालेजों में पढ़ने वाले बच्चों की जान जोखिम में डाली जा रही है। घर से स्कूल तक बच्चों को मानकविहीन वाहन ई-रिक्शा, जुगाड़ वाहन से भेजा जा रहा है, जो किसी भी स्तर सही नहीं है। स्कूल वाहन होने के बावजूद अभिभावक अपने बच्चों को ई-रिक्शा से भेज रहे हैं। इस दिशा में परिवहन विभाग और स्कूल प्रबंधन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। 1जनपद भर में सीबीएसई और यूपी बोर्ड के स्कूल-कालेज संचालित हो रहे हैं, जिसमें हजारों छात्र-छात्रएं अध्ययनरत हैं। बच्चों की सुविधा के लिए स्कूली वाहन लगे हुए हैं। इन वाहनों के अलावा ई-रिक्शा, जुगाड़ वाहन भी लगे हुए हैं, जो बच्चों को स्कूल से लाने और ले जाने का काम करते हैं। ये स्कूली वाहन परिवहन विभाग के मानक में फिट नहीं बैठते हैं। इसके बावजूद जुगाड़ वाहन व ई-रिक्शा धड़ल्ले से चल रहे हैं। अभिभावक स्कूली वाहन को छोड़कर अपने लाडले को जुगाड़ वाहन और ई-रिक्शा से स्कूल भेज रहे हैं, जो पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। ई-रिक्शा सब तरफ से खुला हुआ है, जो पूरी तरह से एंगिल पर बना होता है। चार सवारी के स्थान पर दस से अधिक बच्चों को बैठाकर स्कूल पहुंचाने का काम किया जा रहा है। स्कूल प्रबंधन तंत्र भी इन वाहनों पर कोई अंकुश नहीं लगाते हैं। यूपी बोर्ड और सीबीएसई के स्कूलों की छुट्टी होने पर ई-रिक्शा में बच्चे लटके हुए देखे जा सकते हैं, जो परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अभिभावक अपने लाडले की जान जोखिम में डालने का काम कर रहे हैं। 1क्षमता से अधिक भरे जाते हैं बच्चे : जिला मुख्यालय के इंग्लिश मीडियम स्कूलों में काफी दूर से आने वाले बच्चे पढ़ते हैं, जो जीप में आते हैं। जीप में निर्धारित मानक से अधिक बच्चों को भरकर लाया जाता है, जिससे बच्चों को काफी मुश्किल भरा सफर तय करना पड़ता है। बच्चों के बस्ते जीप की छत पर रख दिए जाते हैं। ऐसे वाहनों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए।पीलीभीत में ई-रिक्शे पर बैठे स्कूली बच्चे ’ जागरणपीलीभीत : ईशर अकादमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल सकरिया में 29वें राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के संदर्भ में प्रार्थना सभा में यातायात नियमों को लेकर शपथ दिलवाई गई। प्रधानाचार्य सरदार गुरदीप सिंह ने कहा कि ज्यादातर मार्ग दुर्घटनाएं नियमों की अनदेखी व तीव्र गति के कारण होती हैं। प्रशासक सरदार हरप्रीत सिंह ने अपील की कि बालिग होने से पहले किसी भी प्रकार के वाहन को न चलाएं। कार्यक्रम संचालन शिक्षक यु़द्धवीर सिंह ने किया। शपथ समारोह में विद्यार्थियों सहित सभी स्टाफ मौजूद रहा। जासंयातायात नियमों के पालन की ली गई शपथईशर अकादमी में यातायात नियमों के पालन की शपथ लेते छात्र-छात्रएं ’