इलाहाबाद : पेपर लीक के बाद शुरू हुई सीसीटीवी फुटेज की जांच
अमर उजाला ब्यूरो, इलाहाबाद । इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय में शनिवार को व्हाट्स एप पर पेपर लीक होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने नोडल केंद्र कुलभास्कर आश्रम पीजी कॉलेज और उससे जुड़े 30 परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है। कुलभास्कर आश्रम समेत सात कॉलेजों ने फुटेज विश्वविद्यालय प्रशासन को उपलब्ध करा दिए हैं। बाकी कॉलेजों को सोमवार तक हर हालत में सीसीटीवी फुटेज देने को कहा गया है।
शनिवार सुबह आठ से दस बजे की पाली में बीएससी द्वितीय वर्ष की गणित के दूसरे प्रश्नपत्र की परीक्षा थी। ठीक सुबह 6.02 बजे पर यह पेपर व्हाट्स एप पर वायरल हो गया। मामले में कुलभास्कर आश्रम पीजी कॉलेज में परीक्षा दे रहे पांच विद्यार्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया और इलाहाबाद समेत मंडल के चारों जिलों की परीक्षा निरस्त कर दी गई। पांचों छात्रों के मोबाइल पर पेपर भी मिला है। विवि प्रशासन ने प्राथमिक जांच में पाया कि पेपर नोडल केंद्र कुभास्कर आश्रम पीजी कॉलेज से लीक हुआ है। कुलभास्कर आश्रम को नोडल केंद्र भी बनाया गया है, सो पेपर वहां एक दिन पहले यानी शुक्रवार को ही पहुंचा दिया गया था। नोडल केंद्र से 30 परीक्षा केंद्र जुड़े हुए हैं, जिन्हें नोडल केंद्र से ही पेपर वितरित किया जाता है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने शुक्रवार को पेपर पहुंचाए जाने से लेकर शनिवार सुबह छह बजे तक का सीसीटीवी फुटेज कुलभास्कर आश्रम से ले लिया है। देखा जा रहा है कि कहीं रात के वक्त सील तोड़कर तो पेपर नहीं निकाला गया। इसके अलावा परीक्षा केंद्रों को वहां से सुबह 5.30 बजे से पेपर वितरण शुरू किया गया और 6.02 बजे पेपर व्हाटस एप पर वायरल हो गया। यह भी देखा जा रहा है कि इस आधे घंटे में किन परीक्षा केंद्रों के लोग पेपर ले गए। हो सकता है, इनमें से किसी ने बीच रास्ते में पेपर निकालकर उसे व्हाट्स एप पर वायरल कर दिया हो। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुलभास्कर आश्रम पीजी कॉलेज से 13 मार्च से लेकर अब तक की सीसीटीवी फुटेज भी मांगी है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. साहब लाल मौर्य ने बताया कि कुलभास्कर आश्रम और उससे जुड़े 30 केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाएगी इनमें से कुलभास्कर आश्रम और छह अन्य परीक्षा केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज मिल गई है।
इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में नकल और अन्य गड़बड़ियों पर निगरानी के लिए प्रदेश सरकार ने मॉनिटरिंग कमेटी बनाई है और उच्च शिक्षा की निदेशक डॉ. प्रीति गौतम को इसका चेयरमैन बनाया गया है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने शनिवार को पेपर लीक मामले की सूचना शाम तक मॉनिटरिंग सेल को नहीं दी और रात में एफआईआर दर्ज होने एवं परीक्षा निरस्त किए जाने के निर्णय के बाद यह सूचना मॉनिटरिंग सेल को दी गई। मॉनिटरिंग कमेटी की चेयरमैन और उच्च शिक्षा की निदेशक डॉ. प्रीति गौतम का कहना है कि पेपर लीक की सूचना रात में मिली। अगर सूचना समय से दी जाती तो मॉनिटरिंग कमेटी अपने स्तर से भी मामले को देखती। वहीं, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. साहब लाल मौर्य का कहना है कि दिन में मामला सामने आने के बाद परीक्षा समिति की बैठक हुई। समिति की बैठक हुए निर्णय के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने स्तर से कार्रवाई करते हुए रात साढ़े आठ बजे के बाद पूरी रिपोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी को भेज दी।