गोरखपुर : इंसेफेलाइटिस के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे विशेष शिक्षक
निज संवाददाता,गोरखपुर । प्रशासन द्वारा इंसेफेलाइटिस के लिए चिन्हित किए गये 144 अतिसंवेदनशिल गांवों से जेई-एईस को जड़ से मिटाने की जिम्मेदारी सर्वशिक्षा अभियान के 45 विशेष शिक्षकों को दी गई है। यह शिक्षक दो अप्रैल से 16 अप्रैल तक चलने वाले विशेष अभियान के दौरान गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों को इंसेफेलाइटिस व अन्य संक्रामक बीमारियों के लक्षण व बचाव के बारे में जानकारी देंगे। इनके जागरूकता के बाद अगर मरीजों की संख्या कम हुई तो इन्हें जिला और राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।
45 शिक्षकों में आवंटित किए गये हैं 121 गांव एवं 23 नगर पंचायत
2 से 16 अप्रैल तक गांव-गांव, घर-घर जाकर बच्चों, अभिभावकों को करेंगे जागरूक
अभियान के बाद इन गांवों से मरीजों के घटने पर सम्मानित होंगे विशेष शिक्षक
जिले में इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के लिए इस बार शिक्षा विभाग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है। इसी क्रम में प्रशासन द्वारा चिन्हित अतिसंवेदनशिल इंसेफेलाइटिस गांवों में विशेष शिक्षकों की टीम लगाई जा रही है। इसके लिए विभाग द्वारा बैठक कर इन 45 विशेष शिक्षकों को 4-4 और 5-5 गांवों का आवंटन कर दिया गया है। जो दो अप्रैल से लेकर 16 तक आवंटित गांवों में जाकर बच्चे, बूढ़े, युवा, महिलाओ, ग्रामसभा सदस्यों सहित गांव के समस्त लोगों को इंसेफेलाइटिस जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक करेंगे।
यह शिक्षक गांवों में जाकर लोगो को इंसेफेलाइटिस के लक्षण के बारे में बताएंगे। बीमारी न हो, इसके लिए क्या उपाय किए जाएं, बीमारी हो जाने पर इलाज के लिए कहां जाएं, एवं किस तरह से इस बीमारी को दूर भगाया जा सकता है की जानकारी देंगे।
प्रशासन और शिक्षा विभाग का मनना है कि विशेष शिक्षकों को इंसेफेलाइटिस जैसी गंभीर बीमारी के बारे ज्यादा जानकारी होती है। क्योंकि यह विशेष शिक्षक के रुप में इस बीमारी से ग्रसित दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित होते हैं। इस वजह से यह आम लोग या फिर दिव्यांग लोगों को आसानी से अपनी बात समझा लेंगे। साथ में इंसेफेलाइटिस से होने वाली दिव्यांगता के बारे में भी ये शिक्षक अभिभावकों को आसानी से जागरूक कर सकेंगे। इसीलिए इनका चयन इस अभियान के लिए किया गया है। विशेष शिक्षक ग्रामीणों को शौचालय का प्रयोग करने, साफ-सफाई का ध्यान रखने के लिए प्रेरित करेंगे। यदि कोई बच्चा बुखार से पीड़ित होगा, तो उसके परिवार को तुरंत इलाज के लिए सरकारी अस्पताल जाने के लिए प्रेरित करने की सीख दी जाएगी। विशेष शिक्षकों को आवंटित गांवों से अगर इंसेफेलाइटिस मरीजों की संख्या कम हुई तो जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार द्वारा इन्हें सम्मानित किया जाएगा।