लखनऊ : पेंशन पुनरीक्षण गति धीमी, पेंशनरों में आक्रोश, एक मई को सभी जनपदों में धरना, मुख्यमंत्री को देंगे ज्ञापन
- सरकार का ध्यान आकर्षण एवं संगठन की मजबूती हेतु आठ से मण्डलीय सम्मेलनों की शुरूआत
- एक मई को सभी जनपदों में धरना, मुख्यमंत्री को देंगे ज्ञापन
लखनऊ। वरिष्ठ संवाददातापेंशनरों के पेंशन पुनरीक्षण का कार्य जनपदों में पदाधिकारियों के प्रयासों के बावजूद अभी तक बहुत कम संख्या में हो पाया है। इसी तरह सभी बीमारियों के लिए कैशलेश इलाज की व्यवस्था और सीजीएचएस पैटर्न पर अस्पतालों का सम्बद्धीकरण का निर्णय वर्षों से लम्बित है। चिकित्सा प्रतिपूर्ति के भुगतान की कठिनाईयां भी दूर नहीं की गयी। अन्य मूलभूत मांगों के निदान के प्रति भी सरकार का उदासीन रवैया बना हुआ है। इससे प्रदेश के लाखों सेवानिवृत्त कर्मचारियों और पेंशनरों में व्यापक असंतोष व्याप्त हो रहा है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमर नाथ यादव ने मुख्य सचिव एवं अन्य सम्बन्धित वरिष्ठ अधिकारियों को अनुस्मारक ज्ञापन भेजकर अविलम्ब वार्ता के माध्यम से प्रभावी कार्यवाही की मांग की है। सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेशनर एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएल कुशवाहा, महामंत्री बाबूलाल वर्मा, संयुक्त मंत्री ओपी त्रिपाठी ने संयुक्त बयान में बताया कि मूलभूत लम्बित मांगों की ओर सरकार का ध्यानाकर्षण कराने, जन जागरण एवं जनपदों में संगठन की मजबूती के उद्देश्य से लिए गये निर्णयानुसार आठ अप्रैल से मण्डलीय सम्मेलनों का सिलसिला फैजाबाद मण्डल से शुरू हो रहा है। अन्य मण्डलों की तारीखें शीघ्र घोषित की जाएंगी। पदाधिकारियों ने बताया कि अगले चरण में एक मई ‘श्रम दिवस पर सभी जनपदों में धरना, सेमीनार, आम सभा कर मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजेगें। 18 मई कर्मचारी नेता स्व. बीएन सिंह की पुण्य तिथि को ‘संकल्प दिवस के रूप में मनाने और अन्याय का प्रतिकार करने का संकल्प लेंगे। फिर जून-जुलाई में प्रस्तावित अगली कार्यकारिणी बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी।