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गोण्डा : एबीआरसी की मनमानी बीईओ की मेहरबानी, सर्व शिक्षा अभियान के तहत तैनात एबीआरसी पर बीईओ मेहरबान

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गोण्डा : एबीआरसी की मनमानी बीईओ की मेहरबानी, सर्व शिक्षा अभियान के तहत तैनात एबीआरसी पर बीईओ मेहरबान

संसू, गोंडा : सर्व शिक्षा अभियान के तहत तैनात एबीआरसी पर बीईओ मेहरबान हैं, जिसके चलते वह मूल काम नहीं कर रहे हैं। आलम यह है कि खंड शिक्षा अधिकारी प्रतिमाह परियोजना कार्यालय को अनुश्रवण रिपोर्ट नहीं भेज रहे हैं। बावजूद इसके अधिकारी की चुप्पी सवालों के घेरे में है। एबीआरसी से लेकर बीईओ तक किसी की जिम्मेदारी नहीं तय हो पा रही है, जिससे मनमानी का खेल जारी है।1बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक स्थिति का पर्यवेक्षण, अनुश्रवण व अनुसमर्थन के लिए ब्लॉकवार सह समन्वयक की तैनाती है, जिनको कार्य व दायित्व का बोध कराकर ब्लॉकवार तैनात किया गया है। इनपर विद्यालय में बच्चों की प्रार्थना सभा, बालसभा, समय सारिणी का प्रयोग, पाठ योजना, शिक्षक डायरी आदि बनवाने की जिम्मेदारी है लेकिन बीआरसी पर बैठकर बीईओ का काम करते हैं। सबसे अधिक मनमानी उन ब्लॉकों में चलती है, जहां बीईओ नहीं रहते हैं। ऐसे में वहां खंड शिक्षा शिक्षा अधिकारी का कार्य यही देखते हैं। हैरत की बात यह है कि छुट्टी आदि भी एबीआरसी ही देते हैं। सबसे अधिक मनमानी बेलसर, मुजेहना आदि ब्लॉक में हो रही है, यहां शिक्षक एबीआरसी को ही बीईओ से लेकर बीएसए तक मानने को विवश हैं। एक अध्यापक ने बताया कि एबीआरसी बातें न मानने पर स्कूल की जांच करा दी जाती है। बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार पांडेय ने बताया कि बीईओ से रिपोर्ट तलब की गयी है। स्कूल चलो अभियान समाप्त होते ही समीक्षा करके जिम्मेदारी तय की जाएगी।संसू, गोंडा : सर्व शिक्षा अभियान के तहत तैनात एबीआरसी पर बीईओ मेहरबान हैं, जिसके चलते वह मूल काम नहीं कर रहे हैं। आलम यह है कि खंड शिक्षा अधिकारी प्रतिमाह परियोजना कार्यालय को अनुश्रवण रिपोर्ट नहीं भेज रहे हैं। बावजूद इसके अधिकारी की चुप्पी सवालों के घेरे में है। एबीआरसी से लेकर बीईओ तक किसी की जिम्मेदारी नहीं तय हो पा रही है, जिससे मनमानी का खेल जारी है।1बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक स्थिति का पर्यवेक्षण, अनुश्रवण व अनुसमर्थन के लिए ब्लॉकवार सह समन्वयक की तैनाती है, जिनको कार्य व दायित्व का बोध कराकर ब्लॉकवार तैनात किया गया है। इनपर विद्यालय में बच्चों की प्रार्थना सभा, बालसभा, समय सारिणी का प्रयोग, पाठ योजना, शिक्षक डायरी आदि बनवाने की जिम्मेदारी है लेकिन बीआरसी पर बैठकर बीईओ का काम करते हैं। सबसे अधिक मनमानी उन ब्लॉकों में चलती है, जहां बीईओ नहीं रहते हैं। ऐसे में वहां खंड शिक्षा शिक्षा अधिकारी का कार्य यही देखते हैं। हैरत की बात यह है कि छुट्टी आदि भी एबीआरसी ही देते हैं। सबसे अधिक मनमानी बेलसर, मुजेहना आदि ब्लॉक में हो रही है, यहां शिक्षक एबीआरसी को ही बीईओ से लेकर बीएसए तक मानने को विवश हैं। एक अध्यापक ने बताया कि एबीआरसी बातें न मानने पर स्कूल की जांच करा दी जाती है। बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार पांडेय ने बताया कि बीईओ से रिपोर्ट तलब की गयी है। स्कूल चलो अभियान समाप्त होते ही समीक्षा करके जिम्मेदारी तय की जाएगी।

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