इलाहाबाद : पीसीएस-प्री एग्जाम टला, अब 24 जून को होगी एलटी ग्रेड परीक्षा
इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 24 जून को प्रस्तावित पीसीएस प्री 2018 परीक्षा को टाल दिया है। इसके स्थान पर अब 24 जून को सहायक अध्यापक प्रशिक्षित स्नातक (एलटी ग्रेड) 2018 की लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। आयोग के सचिव जगदीश ने मंगलवार को इस आशय की सूचना जारी कर दी।
सचिव का कहना है कि एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा छह मई को होनी थी लेकिन इस परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल विभिन्न याचिकाओं एवं उनमें पारित अंतरिम आदेशों के अनुपालन में विभिन्न विषयों के अभ्यर्थियों को आवेदन का मौका दिया जाना है। इसके मद्देनजर यह परीक्षा छह मई के स्थान पर अब 24 जून को कराई जाएगी।
सचिव की विज्ञप्ति में दुबारा आवेदन शुरू करने की तिथि का उल्लेख नहीं है पर माना जा रहा है कि आवेदन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। बता दें कि यह भर्ती प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों के रिक्त 10768 पदों के लिए हो रही है। इनमें से 5364 पद पुरुष और 5404 पद महिला शाखा के हैं।
पीसीएस प्री परीक्षा तिथि अभी तय नहीं
आयोग ने अपने कैलेंडर में पीसीएस प्री 2018 परीक्षा 24 जून से प्रस्तावित की थी लेकिन पीसीएस मेन्स के नए पैटर्न को शासन से मंजूरी मिलने में हुई देरी और एसडीएम के रिक्त पदों का अधियाचन समय से न मिलने के कारण अब तक इसका विज्ञापन जारी नहीं किया जा सका है। इसलिए परीक्षा टाली गई है। पीसीएस प्री 2018 की नई परीक्षा तिथि इसके विज्ञापन के साथ घोषित होने की संभावना है।
प्रदर्शन के बाद घोषित हुई तिथि
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा की नई तिथि घोषित करने की मांग को लेकर छात्रों ने मंगलवार को दिन में आयोग दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया। युवा मंच के संयोजक राजेश सचान तथा अध्यक्ष अनिल सिंह के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में प्रतियोगी छात्र रविंद्र पांडेय, राहुल कुमार सिंह, बीएड उत्थान जन मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद मौर्य, अनिरूद्ध यादव, सत्यशील यादव, बलजीत कुमार पटेल, सुधीर ओझा, मृत्युंजय मिश्रा, प्रवीण कुमार, जफर अब्बास खान, श्रीकृष्ण मिश्रा, ओम प्रकाश वर्मा, रवि प्रकाश सिंह, मनोज कुमार गुप्ता, दिवाकर सिंह, सुरेंद्र कुमार, सुनील विश्वकर्मा आदि शामिल रहे।
पीसीएस का फर्जी विज्ञापन वायरल
मंगलवार को सोशल मीडिया पर पीसीएस 2018 का फर्जी विज्ञापन वायरल हो गया। कुछ शरारती तत्वों ने आयोग के पिछले विज्ञापन की नकल कर इसे हुबहू बना दिया था। कई छात्रों ने इस पर यकीन भी कर लिया लेकिन कुछ घंटे बाद ही इसकी पोल खुल गई क्योंकि आयोग की साइट पर इस तरह का विज्ञापन था ही नहीं। सचिव जगदीश ने बताया कि कुछ तकनीकी अचड़नों के कारण पीसीएस 2018 का विज्ञापन जारी होने में थोड़ा वक्त लग सकता है