डीएम ने खोली ई-लॉटरी, 284 बच्चों का कान्वेंट स्कूलों में दाखिलाडीएम ने ई-लॉटरी खोली। जिसमें 284 बच्चे कान्वेंट स्कूलों में दाखिला कराने के लिए चयनित किया गया।...
बदायूं : अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को निश्शुल्क कक्षा एक में प्रवेश दिलाने के तहत दूसरे चरण की ई-लॉटरी प्रक्रिया अपनाई गई। कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी के लैपटॉप का बटन दबाते ही प्रक्रिया शुरू हो गई। चयनित बच्चों को विद्यालयों का आवंटन किया गया। उनके घर के आसपास के कान्वेंट विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाएगा। जिनका खर्च सरकार वहन करेगी। साथ ही स्टेशनरी, यूनीफार्म आदि के खर्च के लिए हर बच्चे को सरकार की ओर से पांच हजार रुपये भी दिए जाएंगे।
प्रक्रिया के तहत पहले चरण में प्राप्त हुए 97 आवेदन में 71 बच्चों को प्रवेश दिलाया गया। दूसरे चरण में 16 मार्च से 15 अप्रैल तक 429 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें 66 आवेदन नियमानुसार न होने की वजह से निरस्त कर दिए गए और 363 को चयनित किया गया। सोमवार को हुई ई-लॉटरी प्रक्रिया के बाद सॉफ्टवेयर ने 79 और बच्चों के आवेदन निरस्त कर दिए। 284 बच्चों को विद्यालयों का आवंटन किया गया। तीसरे चरण के लिए आवेदन की प्रक्रिया गतिमान है। 23 मई तक विभागीय वेबसाइट पर आवेदन किया जा सकता है।
प्रक्रिया पूरी करके दोबारा कर सकते हैं आवेदन
प्रक्रिया के दौरान किसी कारणवश निरस्त हुए आवेदकों को दोबारा मौका दिया जाएगा। तीसरे चरण की आवेदन की अंतिम तिथि में दो दिन शेष बचे हैं। वह अपने अभिलेख पूरे करने के बाद दोबारा ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वह माता-पिता का जाति प्रमाण पत्र, एक लाख रुपये से कम का आय प्रमाण पत्र, विधवा पेंशन, बेघर बच्चा, निशक्त बच्चा, माता-पिता का दिव्यांगता प्रमाण पत्र आदि जमा करके योजना का लाभ ले सकते हैं।
कम आवेदन पर डीएम ने जताई नाराजगी
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बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने की प्रक्रिया संचालित होने के बाद भी बहुत कम लोगों ने बच्चों के प्रवेश के लिए आवेदन किया है। ई-लॉटरी के समय डीएम ने आवेदन की जानकारी की तो कम संख्या होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब सरकार पढ़ने के लिए खर्च करने को तैयार है तो सभी को इसका लाभ लेना चाहिए। सभी लोगों से आह्वान किया कि वह क्षेत्र के साढ़े तीन से सात वर्ष तक के गरीब बच्चों के प्रवेश के लिए आवेदन करें। 23 मई तक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। साक्षर बनो, मिल जाएगी पेंशन
ई-लॉटरी प्रक्रिया अपनाए जाने के दौरान एक वृद्धा अपनी पेंशन बंद हो जाने की शिकायत लेकर डीएम के पास आई। साथ में उसका पोता भी आया। कम उम्र होने के बाद भी पढ़ा-लिखा न होने पर डीएम ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने युवक से छोटा अ लिखवाया तो उसने सही प्रकार से लिखा। डीएम ने कहा कि सात दिनों के भीतर नाम लिखना सीखो तो पेंशन भी चालू करा देंगे।