गोण्डा : सब पढ़ें-सब बढ़ें, जिम्मेदारी निभाएं और पहल करें
संसू, गोंडा : शिक्षा से समाज का बौद्धिक स्तर बनता है। इस लिहाज से बेसिक शिक्षा विभाग प्रमुख विभाग है, जहां नौनिहाल मूक से ककहरा सिखाते हैं। संबंधों के साथ ही भाषाई ज्ञान प्राप्त करते हैं। समाज में होने वाली गतिविधियों से अंजान बच्चे सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हैं। शासन विभाग को लेकर गंभीर है। यहां छात्रों के लिए कई तरह की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिसमें नि:शुल्क नामांकन से लेकर ड्रेस, किताब, स्वेटर, जूता-मोजा दिया जाता है। इसके अलावा छात्रों को मध्यान्ह भोजन देने की भी योजना है।1बेटियों को शिक्षा के साथ आत्मरक्षा का प्रशिक्षण1बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रओं को शिक्षा के साथ ही आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाता है। अभी हाल ही में सरकार ने यहां स्काउट गाइड का प्रशिक्षण भी शुरू किया है। इसके अलावा स्वावलंबी बनाने के लिए भी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कस्तूरबा विद्यालयों में गरीब बेटियों को नि:शुल्क आवासीय शिक्षा देने की सुविधा है।1विद्यालय व शैक्षिक सुधार की कंपोजिट ग्रांट1शासन ने स्कूल व शैक्षिक सुधार के लिए कंपोजिट ग्रांट की व्यवस्था की है। जहां 100 नामांकन संख्या पर 25 हजार, 100 से 200 तक 50 हजार, 200 से 500 तक 75 हजार व 500 से अधिक छात्र संख्या होने पर एक लाख रुपये देगी। इससे शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए टीएलएम आदि बनाया जाएगा। 1मतभेद भुलाने को चला रहे ट्यूनिंग प्रोग्राम1परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत विभिन्न वर्ग के छात्रों में आपसी तालमेल बनाने के लिए ट्यूनिंग प्रोग्राम चलाती है। जिससे छात्र आपस में छुआछूत आदि भावनाओं से हटकर एक साथ पढ़ाई कर सकें। इसके अलावा शैक्षिक संवर्धन के लिए अन्य कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं। जिससे छात्र सरकार की नई योजनाओं व संवर्धन की मंशा से अवगत हो सकें।1छात्रों को मिलती हैं कई सुविधाएं1छात्रों को सरकार यूनीफार्म, किताब, जूता-मोजा, स्वेटर आदि मुहैया कराती है। जिससे एक जैसे कपड़ों में सभी छात्र पढ़ाई करें। इसके अलावा गरीब अभिभावकों को उक्त सामानों को खरीदने में लगने वाले पैसे की बचत हो सके। यहां बच्चों को मध्यान्ह में पौष्टिक भोजन दिए जाने की योजना है। जिससे छात्र दोपहर में पेट भरकर भोजन कर पाते हैं। 1खेलकूद को मिल रहा बढ़ावा1परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों में खेल की भावना विकसित करने के लिए सरकार ने शारीरिक शिक्षा के अनुदेशकों की तैनाती की हुई है। जहां छात्र मनपसंद खेल खेल सकते हैं। उनके संवर्धन के लिए अध्यापकों को जिम्मेदारी दी गई है। विद्यालय से प्रदेश स्तर तक प्रतियोगिताएं आयोजित करके उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है।1सोशल ऑडिट से मॉनीटरिंग1सर्व शिक्षा अभियान के सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी डॉ. रमेश चंद्र चौबे कहते हैं कि परिषदीय स्कूलों में छात्रों के लिए सरकार कई तरह के कार्यक्रम चला रही है। मॉनीटरिंग के लिए भी व्यवस्था है। शालासिद्धी प्रोग्राम के जरिए अध्यापक स्कूल का पूरा विवरण ऑनलाइन अपलोड करते हैं। जिसकी जिले से लेकर केंद्र तक मॉनीटरिंग होती है। सोशल ऑडिट होता है।1संसू, गोंडा : शिक्षा से समाज का बौद्धिक स्तर बनता है। इस लिहाज से बेसिक शिक्षा विभाग प्रमुख विभाग है, जहां नौनिहाल मूक से ककहरा सिखाते हैं। संबंधों के साथ ही भाषाई ज्ञान प्राप्त करते हैं। समाज में होने वाली गतिविधियों से अंजान बच्चे सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हैं। शासन विभाग को लेकर गंभीर है। यहां छात्रों के लिए कई तरह की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिसमें नि:शुल्क नामांकन से लेकर ड्रेस, किताब, स्वेटर, जूता-मोजा दिया जाता है। इसके अलावा छात्रों को मध्यान्ह भोजन देने की भी योजना है।1बेटियों को शिक्षा के साथ आत्मरक्षा का प्रशिक्षण1बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रओं को शिक्षा के साथ ही आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाता है। अभी हाल ही में सरकार ने यहां स्काउट गाइड का प्रशिक्षण भी शुरू किया है। इसके अलावा स्वावलंबी बनाने के लिए भी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कस्तूरबा विद्यालयों में गरीब बेटियों को नि:शुल्क आवासीय शिक्षा देने की सुविधा है।1विद्यालय व शैक्षिक सुधार की कंपोजिट ग्रांट1शासन ने स्कूल व शैक्षिक सुधार के लिए कंपोजिट ग्रांट की व्यवस्था की है। जहां 100 नामांकन संख्या पर 25 हजार, 100 से 200 तक 50 हजार, 200 से 500 तक 75 हजार व 500 से अधिक छात्र संख्या होने पर एक लाख रुपये देगी। इससे शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए टीएलएम आदि बनाया जाएगा। 1मतभेद भुलाने को चला रहे ट्यूनिंग प्रोग्राम1परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत विभिन्न वर्ग के छात्रों में आपसी तालमेल बनाने के लिए ट्यूनिंग प्रोग्राम चलाती है। जिससे छात्र आपस में छुआछूत आदि भावनाओं से हटकर एक साथ पढ़ाई कर सकें। इसके अलावा शैक्षिक संवर्धन के लिए अन्य कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं। जिससे छात्र सरकार की नई योजनाओं व संवर्धन की मंशा से अवगत हो सकें।1छात्रों को मिलती हैं कई सुविधाएं1छात्रों को सरकार यूनीफार्म, किताब, जूता-मोजा, स्वेटर आदि मुहैया कराती है। जिससे एक जैसे कपड़ों में सभी छात्र पढ़ाई करें। इसके अलावा गरीब अभिभावकों को उक्त सामानों को खरीदने में लगने वाले पैसे की बचत हो सके। यहां बच्चों को मध्यान्ह में पौष्टिक भोजन दिए जाने की योजना है। जिससे छात्र दोपहर में पेट भरकर भोजन कर पाते हैं। 1खेलकूद को मिल रहा बढ़ावा1परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों में खेल की भावना विकसित करने के लिए सरकार ने शारीरिक शिक्षा के अनुदेशकों की तैनाती की हुई है। जहां छात्र मनपसंद खेल खेल सकते हैं। उनके संवर्धन के लिए अध्यापकों को जिम्मेदारी दी गई है। विद्यालय से प्रदेश स्तर तक प्रतियोगिताएं आयोजित करके उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है।1सोशल ऑडिट से मॉनीटरिंग1सर्व शिक्षा अभियान के सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी डॉ. रमेश चंद्र चौबे कहते हैं कि परिषदीय स्कूलों में छात्रों के लिए सरकार कई तरह के कार्यक्रम चला रही है। मॉनीटरिंग के लिए भी व्यवस्था है। शालासिद्धी प्रोग्राम के जरिए अध्यापक स्कूल का पूरा विवरण ऑनलाइन अपलोड करते हैं। जिसकी जिले से लेकर केंद्र तक मॉनीटरिंग होती है। सोशल ऑडिट होता है।
गोंडा के विकासभवन स्थित सर्व शिक्षा अभियान के कार्यालय मेंकाम निपटाते सहायक वित्त एंव लेखाधिकारी डॅा.रमेश चंद्र ’जागरण
परिषद के शिक्षक प्रशिक्षित
बेसिक शिक्षा परिषद के अध्यापक प्रशिक्षित है। समय-समय पर उनको सेवारत प्रशिक्षण दिया जाता है। जिससे अध्यापक नए पाठ्यक्रम से अवगत होते है। जिसका लाभ छात्रों को मिलता है।
संतोष कुमार देव पांडेय, बीएसए।
दुर्बल व अलाभित बच्चों का निजी स्कूलों में नामांकन
सरकार ने दुर्बल व अलाभित वर्ग के बच्चों का निजी स्कूलों में नामांकन कराने की भी योजना चलाई हुई है।
जिसमें अभिभावक आरटीई25 डाटयूपीएसडीसीडाटजीओवीडाटइन पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसमें अभिभावक को इच्छुक स्कूलों में उनके बच्चों का नामांकन कराया जाता है। इसका खर्चा सरकार वहन करती है।फैक्ट फाइल1प्राथमिक स्कूल>>->>22321पूर्व माध्यमिक विद्यालय>>->>8931कुल नामांकित छात्र-3.08 लाख