गोरखपुर : बेहतर पढ़ाई की राह दिखाएगा क्यूआर कोड, बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा छपवाई जा रहीं नई किताबों पर होगा क्यूआर कोड, शासन की नई पहल
उमेश पाठक ’ गोरखपुर । इस साल विभाग द्वारा वितरित की जाने वाली किताबें शिक्षकों को भी बेहतर पढ़ाई का मार्ग दिखाएंगी। इन किताबों के कई पन्नों पर क्यू आर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) छपा होगा। स्मार्ट फोन में अप्लीकेशन के जरिये शिक्षक इस कोड को स्कैन करेंगे और जिस पाठ के बारे में उन्हें पढ़ाना होगा, उसकी सहयोगी पाठ्य सामग्री (सपोर्टिग मैटेरियल) उनके मोबाइल पर दिखने लगेगी। शिक्षक बच्चों को पाठ से जुड़ी और जानकारियां दे सकेंगे। इस प्रकार क्यू आर कोड बेहतर शिक्षा की राह दिखाएगा।1स्मार्ट होगी पढ़ाई: किताबों पर क्यू आर कोड का सैंपल लेने के साथ ही विभाग लखनऊ में इसको जांचा जा चुका है। यह कोड किताबों के कई पन्नों पर लगाया जाएगा। जिस पन्ने पर कोड होगा, उस पन्ने पर छपे पाठ से संबंधित अन्य जानकारियां कोड को स्कैन करने से पता चल सकेंगी। इसके लिए शिक्षकों को अपने मोबाइल में अप्लीकेशन डाउनलोड करना होगा। इसी के सहारे कोड को स्कैन किया जाएगा।
नकली किताबों पर लगेगी रोक: क्यू आर कोड छपे होने से डुप्लीकेट किताबों को बाजार में बेच पाना मुश्किल होगा। परिषदीय विद्यालयों में निशुल्क किताबें बांटी जाती हैं, लेकिन वित्त विहीन विद्यालयों में किताबें खरीदनी पड़ती हैं। परिषद चयनित प्रकाशकों से किताबें छपवाता है, इन्हीं की किताबें हर विद्यालय में पढ़ानी होती हैं, लेकिन कुछ अन्य प्रकाशक अवैध रूप से किताब छापकर अपनी कमाई करते हैं। इससे सरकार को राजस्व देने वाले चयनित प्रकाशकों को नुकसान उठाना पड़ता है।रंग भी होंगे अलग-अलग1किताबों के रंग भी अलग-अलग होंगे। कक्षा आठ की गणित की किताबें दो रंगों में होंगी। प्राइमरी की कुछ किताबें चार अलग-अलग रंगों में होगी। गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। किताबों के रंग भले अलग-अलग होंगे, उनमें विषयवस्तु एक होगी।क्या है क्यूआर कोड1क्यू आर कोड को क्विक रिस्पांस कोड भी कहते हैं। यह एक मैटिक्स बारकोड होता है, जो पहले जापान में आटोमोटिव इंडस्ट्री के लिए डिजाइन किया गया था। यह मशीन से पढ़ा जाने योग्य ऑप्टिकल लेबल है , जिसमें उस वस्तु के बारे में पूरी जानकारी होती है, जिस पर वह लगाया जाता है।इस साल आने वाली किताबों पर क्यू आर कोड छपे होंगे। इससे किताबों को लेकर काफी सहूलियत होगी।
बीएन सिंह, जिला अधिकारी’ कोड को स्कैन करते ही मिल जाएगी संबंधित पाठ की सहयोगी पाठ्य सामग्री
’ नई व्यवस्था से किताबों की अवैध छपाई पर भी लगेगा अंकुश