किताब में धांधली के पर जताया विरोध, प्रदर्शन
जागरण संवाददाता, बदायूं : कांवेंट की तरह अब माध्यमिक शिक्षा परिषद के इंटर कॉलेजों में भी किताबों के नाम पर लूट मची हुई है। एनसीइआरटी की किताबों को दरकिनार करके अन्य किताबों को वरीयता देकर अभिभावकों से मोटी उगाही की जा रही है। जिम्मेदारों को जानकारी होने के बाद भी बस जागरूक करने तक ही कार्रवाई सीमित है। कॉलेज व दुकानदारों की मनमानी से नाराज युवा मंच संगठन ने मालवीय अध्यापक आवास पर प्रदर्शन किया और पूर्व डीआइओएस की शिथिलता व भ्रष्टाचार का पुतला फूंका।
प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जोशी ने कहा कि शिक्षा विभाग सबकुछ जानते हुए भी छात्र-छात्राओं का शोषण करने वालों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है। विभागीय अधिकारी व कर्मचारी अपनी सीट पर बैठकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे बेहतर है कि अभियान के तौर पर कॉलेजों में छापामारी की जाए। शासन से चयनित अन्य प्रकाशकों की किताबें बच्चों के पास मिलने पर प्रधानाचार्यों के विरूद्ध कार्रवाई की जाए। महंगे प्रकाशन की किताबें बाजार में रोकने के लिए मशक्कत करनी होगी, लेकिन सुधार नजर आने लगेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व डीआइओएस ने किताबों को लेकर सजगता नहीं दिखाई, जिसकी वजह से आज बच्चों को परेशान होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विभागीय जिम्मेदार अगर बुक स्टोर पर जाकर छापामारी नहीं करेंगे तो संगठन खुद दुकानों पर जाकर इसका विरोध शुरू करेगा। संगठन के संस्थापक ध्रुवदेव गुप्ता ने कहा कि शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार व पूर्व डीआइओएस की पूरी कुंडली के साक्ष्य शासन व प्रशासन को सौंपे जाएंगे। सदर विधायक को साक्ष्य सौंपकर अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी। जिलाध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा ने बताया कि जल्द हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं की समस्याओं के निदान के लिए छोटे-छोटे कस्बों में सहायता केंद्र खोले जाएंगे। जहां उनकी कॉलेज से संबंधित हर समस्या का समाधान किया जाएगा। पवन जोशी, जैकी शर्मा, सचिन यादव, दुर्गेश शर्मा, विवाद यदुवंशी, नवनीत जोशी, कुशाग्र, कृष्णा जोशी, हनी मौर्य, रॉनी जॉन, हरिओम, विराज, मोहित कुमार, प्रशांत, विपिन आदि उपस्थित रहे।
अन्य पब्लिकेशन की किताबें बेचने की शिकायत मिली थी। शासन से चयनित पब्लिकेशन को किताबें उपलब्ध कराने व कॉलेजों में कैंप लगाकर बच्चों को किताबों की जानकारी देने का लेटर लिखा गया है। प्रधानाचार्यों को भी चेतावनी दी गई है कि शासन से निर्धारित पब्लिकेशन्स की एनसीईआरटी की किताबें ही बच्चों को खरीदवाएं। इसके बाद भी किसी कॉलेज की शिकायत प्राप्त हुई तो कार्रवाई की जाएगी।
- प्रेमचंद यादव, प्रभारी डीआइओएस