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बुलन्दशहर : मॉडल विद्यालयों का बिगड़ने लगा 'मॉडल'

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मॉडल विद्यालयों का बिगड़ने लगा 'मॉडल'


बुलंदशहर : मॉडल शब्द सुनते ही जहन में कालेज की सुंदर तस्वीर बनने लगती है। सभी सुविधाओं से युक्त, फुलवारियों से सजा, आधुनिक शौचालय, रंग-बिरंगे दीवारों वाले भवन आदि-आदि, लेकिन जिले में करोड़ों की लागत से बने राजकीय मॉडल कालेज अब सिर्फ नाम के मॉडल नजर आते हैं। इनमें सुविधाएं तो मुहैया नहीं कराई गई, अब देखरेख के अभाव में भवनों की हालत भी खराब होने लगी है। इनके शौचालय व मैदान आदि देखने से लगता है कि ये भवना बरसों पुराने हैं।

सपा सरकार ने जिले को 11 मॉडल विद्यालयों का तोहफा दिया था। दस कालेज बन कर तैयार हो चुके हैं जबकि सिकंदराबाद क्षेत्र के मंडावरा गांव स्थित विद्यालय का निर्माण बजट न मिलने के कारण रोक दिया गया। सपा सरकार ने इन कालेज को राम मनोहर लोहिया मॉडल राजकीय इंटर कालेज दिया था, लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो इनका नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इंटर कालेज कर दिया गया। एक अप्रैल से इन कालेजों में एक-एक शिक्षक तैनात कर प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी।

जागरण संवाददाता ने खुर्जा क्षेत्र के मॉडल कालेजों का जायजा लिया। रसूलगढ़ स्थित मॉडल कालेज का मुख्य दरवाजा देखकर ही लगता है कि इस कालेज में कई साल से कोई आया नहीं है। फर्स में इतनी बड़ी-बड़ी दरार आ चुकी हैं, मानो भवन काफी पुराना हो। शौचालय के टैंक टूट चुका है। अरनिया ब्लाक के ढकनपुर गांव स्थित कालेज का भी यही हाल नजर आया। इस कालेज के मैदान का मॉडल तो मानों किसी वन क्षेत्र का हिस्सा हो। दीवारों से सीमेंट उखड़ने लगा है। सफाई न होने परिसर के अंदर पौधे उगने लगे हैं। बिजली एक भी कालेज में नहीं है और न ही किसी कालेज में फर्नीचर ही है। प्रत्येक कालेज में हैं 35 कमरे

जिले में संचालित हो चुके दस राजकीय मॉडल इंटर कालेज के निर्माण पर प्रत्येक में चार करोड़ की लागत आई है। प्रत्येक कालेज दो मंजिला है और 4.5 बीघा में बना है। इनमें कुल 16 क्लास रूम, एक प्रयोगशाला, एक पुस्तकालय, एक स्टाफ कक्ष, एक प्रधानाचार्य कार्यालय, मुख्य कार्यालय, कंप्यूटर कक्ष, एनसीसी कक्ष व स्टोर आदि समेत कुल 35 कमरे बने हैं। बालिकाओं व बालकों के लिए आठ-आठ शौचालय बने हैं। इन्होंने कहा ..

शासन से जैसे ही पैसा आता है, खर्च कर दिया जाता है। यहां अभी एक-एक शिक्षक तैनात किए हैं। उन्हें निर्देश देकर कालेजों का रख-रखाव सही कराया जाएगा।
- डा. पूरन ¨सह, कार्यवाहक जिला विद्यालय निरीक्षक

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