इलाहाबाद : अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में जबरन नियुक्ति पर रोक
हिन्दुस्तान टीम, इलाहाबाद । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राथमिक स्तर पर अंग्रेजी माध्यम के स्कूल चलाने के लिए उन अध्यापकों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में तैनात करने पर रोक लगा दी है, जिनका इंटर में अंग्रेजी विषय था। साथ ही इस मामले में बीएसए मिर्जापुर व अन्य से जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र ने मिर्जापुर के दीपक सिंह व अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह व अन्य को सुनकर दिया है।
याचिका के अनुसार याची को नियमों के विपरीत अंग्रेजी माध्यम स्कूल में नियुक्त कर दिया गया जबकि वह चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए। अधिवक्ता सीमांत सिंह के अनुसार बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने पांच जनवरी 2018 को सरकुलर जारी कर जिले के प्रत्येक विकासखंड में अंग्रेजी माध्यम से पांच-पांच प्राइमरी स्कूल चलाने व अध्यापकों के चयन की नियमावली निर्धारित की। इस नियमावली के तहत इच्छुक अध्यापकों के आवेदन मिलने पर डायट प्राचार्य की अध्यक्षता में गठित कमेटी उनकी परीक्षा लेने की प्रक्रिया तय की गई। इसके लिए 50-50 अंकों की लिखित परीक्षा व साक्षात्कार रखा गया। परीक्षा में सफल अध्यापकों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में नियुक्ति देने की बात कही गई।
याची के अनुसार आवेदन करने वाले चयन प्रक्रिया में शामिल होने नहीं पहुंचे। इस पर ऐसे अध्यापकों की सूची तैयार की गई, इंटरमीडिएट में जिनका अंग्रेजी विषय भी था। इस सूची में शामिल अध्यापकों से चयन प्रक्रिया में शामिल होने का निर्देश दिया गया। हालांकि इसके बाद भी अध्यापक चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए लेकिन विभाग ने मनमाने तरीके से चयन सूची जारी कर अध्यापकों की अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में नियुक्ति कर दी। साथ ही कार्यभार ग्रहण न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई।