महराजगंज : सीमित संसाधनों में शिक्षा की ज्योति जला रहे शिक्षक, जनवरी माह में ही राजस्व ग्राम का दर्जा प्राप्त वनटांगिया परिवार के बच्चों की बदहाली अभी भी कम नहीं हुई
महराजगंज: जनवरी माह में ही राजस्व ग्राम का दर्जा प्राप्त वनटांगिया परिवार के बच्चों की बदहाली अभी भी कम नहीं हुई है। वन क्षेत्र में रहने वाले सैकड़ों की संख्या में यह बच्चे पहले आस-पास के गांव में स्थापित दूर परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने जाया करते थे, लेकिन अब वन क्षेत्र में ही परिषदीय विद्यालय स्थापित हो जाने से शिक्षा गांव में ही मिलने की आस जगी है, लेकिन अभी तक यहां भवन के अभाव में नौनिहालों को कटरैन व पीपल के छांव में शिक्षा ग्रहण करना मजबूरी है। सूखे दिन तो ठीक हैं बरसात के मौसम भवन के अभाव में रेनी डे करना मजबूरी है। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल वनटांगिया राजस्व ग्राम 27-28 नर्सरी के बच्चों को बेहतर शिक्षा सुलभ कराने के लिए गांव में परिषदीय विद्यालय स्थापित हुआ है, लेकिन भवन के अभाव में इस विद्यालय में नामांकित 400 बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए कटरैन के दो अदद आशियाने बनाए गए हैं। जबकि कुछ बच्चे पीपल के पेड़ के नीचे शिक्षा ग्रहण करते हैं। स्थापना के समय से ही विद्यालय में दो शिक्षा मित्र तैनात थे । फरवरी 2018 में एक प्रभारी प्रधानाध्यापक व दो सहायक अध्यापकों की यहां पर नियुक्ति की गई। प्रभारी प्रधानाध्यापक अजय कुमार पटेल का कहना है। अभी तो यहां पर विद्यालय का भवन नहीं बन पाया है। किसी तरह कटरैन में शिक्षण का कार्य सुचारु रुप से चलाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने बताया कि विद्यालय में एमडीएम की व्यवस्था संचालित है। शौचालय के लिए फूस की वैकल्पिक व्यवस्था कराई गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षण सत्र शुरू हो चुका है । अधिकांश बच्चे अभी भी नामांकन के लिए आ रहे हैं सीमित संसाधनों में बेहतर शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है।