कार्य में शिथिलता से अधर में आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण
महराजगंज :जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों के 274 भवनों के निर्माण में लापरवाही का ग्रहण लग गया...
महराजगंज :जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों के 274 भवनों के निर्माण में लापरवाही का ग्रहण लग गया है। कार्यदाई संस्थाओं की लापरवाही के कारण एक भी भवन का निर्माण अब तक पूर्ण नहीं हो सका है। इससे इस वर्ष भी इन केंद्रों से जुड़े 8000 बच्चों को छत के नीचे पढ़ने के आसार क्षीण होते जा रहे हैं। तराई के इस जिले में 3133 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इन केंद्रों को तीन पंचवर्षीय योजना में भवनों से आच्छादित करने का निर्णय सरकार ने लिया था। इसी निर्णय के क्रम में वर्ष 2015-16 में 89 व 2016-17 में 185 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण को सरकार ने हरी झंडी दी थी और धन भी आवंटित किया था। वर्ष 2015-16 में स्वीकृत 89 भवनों के निर्माण की जिम्मेदारी कार्यदाई संस्था आरईएस (ग्रामीण अभियंत्रण सेवा) को सौंपी गई थी पर आरईएस के जिम्मेदार लोगों ने केंद्रों के भवन का निर्माण कराने में रूचि नहीं ली। इन भवनों का मानक के अनुसार निर्माण कराने व पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी जिला कार्यक्रम अधिकारी को सौंपी गई थी पर पर्यवेक्षणीय अधिकारी भी लापरवाह बने रहे। इसी का परिणाम है कि दो वर्ष बीत गए पर एक भी आंगनबाड़ी केंद्र बन कर तैयार नहीं हुआ। वर्ष 016-17 में स्वीकृत 185 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण की जिम्मेदारी दो कार्यदाई संस्था आरईएस व क्षेत्र पंचायत को सौंपी गई। आरईएस ने 185 भवनों में से 72 के निर्माण की जिम्मेदारी ली पर एक वर्ष बाद आरईएस ने धन का अभाव बता कर भवन निर्माण से इंकार कर दिया और जिला कार्यक्रम अधिकारी को धन की व्यवस्था कराने के लिए पत्र लिखा। तत्काल धन की व्यवस्था न करा पाने वाले जिला कार्यक्रम अधिकारी ने आरईएस द्वारा लौटाए गए 72 भवनों के निर्माण की जिम्मेदारी कार्यदाई संस्था क्षेत्र पंचायत को सौंप दी। वैसे जिस गति से क्षेत्र पंचायत आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन का निर्माण करा रही है उससे लगता है कि इस वर्ष भी एक भी केंद्र पूर्ण नहीं हो सकेगा।
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जिले में निर्माणाधीन 274 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन का समय से निर्माण कराने के लिए दोनों कार्यदाई संस्थाओं को पत्र लिखा है। उम्मीद है कि जुलाई तक 2015-16 में स्वीकृत 85 भवनों का निर्माण पूरा हो जाएगा। फरेंदा व बृजमनगंज ब्लाक के 24 भवनों का निर्माण अंतिम चरण में है। बिजली लगने के बाद दो दर्जन नए भवनों में तीन हजार बच्चों के पढने की व्यवस्था हो जाएगी।
- अजातशत्रु शाही जिला कार्यक्रम अधिकारी