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गोरखपुर : अब ढूंढ कर स्कूल पहुंचाए जाएंगे बच्चे, शिक्षा विभाग लेगा कूड़ा बीनने वाले बच्चों को स्कूल लाने की जिम्मेदारीं

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गोरखपुर : अब ढूंढ कर स्कूल पहुंचाए जाएंगे बच्चे, शिक्षा विभाग लेगा कूड़ा बीनने वाले बच्चों को स्कूल लाने की जिम्मेदारीं


जागरण संवाददाता, गोरखपुर: कक्षा पांच पास करने के बाद कई बच्चों ने अगली कक्षा में प्रवेश तो ले लिया, लेकिन करीब 30 फीसद बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंचे। विभाग ऐसे बच्चों को खोजकर उन्हें स्कूल तक लाने के लिए योजना बनाएगा। 

कक्षा पांच व कक्षा आठ पास करने वाले बच्चों का आंकड़ा जुटाया गया, इसके साथ ही अगली कक्षा में प्रवेश प्राप्त करने वाले बच्चों की संख्या भी जुटाई जा रही है। 20 मई से विद्यालय बंद हो रहे हैं और इस दौरान शिक्षा विभाग ऐसे बच्चों की खोज करेगा, जिन्होंने प्रवेश नहीं लिया तो कहां गए। 


हर बच्चे को शिक्षा प्रदान करने के लिए शासन ने इस बार घोषणा की थी कि कक्षा एक के साथ कक्षा छह व नौ में प्रवेश का आंकड़ा भी तैयार किया जाए। इसके पीछे मंशा यह थी कि उन बच्चों का पता लगाया जा सके, जो बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं। शिक्षा विभाग के पास मौजूद ताजा आंकड़ों के अनुसार सत्र 2017-18 में कक्षा पांच पास करने वाले बच्चों के सापेक्ष 50 फीसद के करीब बच्चों ने परिषदीय पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा छह में प्रवेश लिया है। करीब 20 फीसद बच्चे वित्त पोषित व मान्यता प्राप्त स्ववित्त पोषित विद्यालयों में प्रवेश प्राप्त कर चुके हैं, लेकिन अभी भी करीब 30 फीसद बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने कहीं भी प्रवेश नहीं लिया है।


शिक्षा विभाग लेगा कूड़ा बीनने वाले बच्चों को स्कूल लाने की जिम्मेदारीं


जासं, गोरखपुर: स्कूल से दूर रहकर कूड़ा बीनने वाले बच्चों को स्कूल में दाखिल कराने की जिलाधिकारी की धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। शिक्षा विभाग ने ऐसे बच्चों को स्कूल तक लाने की जिम्मेदारी ली है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी इस संबंध में कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने शहर में कूड़ा बीनने वाले व इसी तरह के कामों में लगकर स्कूल से दूर रह गए बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने की योजना बनाई। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग को दी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि सरकार की भी मंशा है कि कोई भी बच्चा पढ़ने से वंचित न रहे। ऐसे बच्चों को निजी संगठन के सहयोग से चिन्हित किया जाएगा और उन्हें नजदीक के परिषदीय विद्यालयों में दाखिला दिलाया जाएगा। प्रवेश के बाद ऐसे बच्चों पर खास नजर रखी जाएगी। 

बीएसए का कहना है कि ऐसे बच्चों की पहचान व उन्हें स्कूल तक लाने के लिए स्वयं सेवी संगठन से सहयोग से इस कार्य को किया जाएगा। स्कूल आने के बाद उनके जीवन में भी बदलाव हो सकेगा।


ऐसे बच्चों का स्कूल में दाखिला कराने की बनाई गयी थी योजना


जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी तैयार कर रहे कार्ययोजना, कक्षा पांच पास सभी बच्चों का कक्षा छह में प्रवेश सुनिश्चित कराया जा रहा है। ऐसे बच्चों के प्रवेश पर रोजाना नजर रखी जा रही है। जो बच्चे रह गए हैं, जुलाई महीने में उनका प्रवेश हो जाएगा। कोई भी बच्चा प्रवेश से वंचित नहीं रहेगा।

- बीएन सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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