गाजीपुर : परीक्षा फल के अंकों से निराश न हों विद्यार्थी
जासं, गाजीपुर : कक्षा 10 व 12 की बोर्ड परीक्षा फल घोषित होने पर कुछ विद्यार्थी प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं तो बाकी तनावग्रस्त भी होंगे। ऐसे में महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम धैर्य व संयम से काम लें। सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह है कि विद्यार्थी परीक्षा फल के अंकों से ही निराश ना हों। अभिभावक बच्चों को भरपूर स्नेह दें। उन्हें घुमाने-फिराने ले जाएं। जब लगे कि बच्चा सामान्य हो चुका है तब अपने पास बैठाकर उससे संवाद करें कि उसे आगे क्या करना है। बच्चों पर अपना अंतिम निर्णय सुनाने अथवा थोपने का प्रयास न करें। प्रत्येक बालक और बालिका में अनेक संभावनाएं छुपी रहती हैं, उसे जाने। अभिभावक जानबूझकर किसी विषय वर्ग के साथ अपना मान सम्मान न जोड़ें। प्रत्येक वर्ग में उज्ज्वल भविष्य है बशर्ते विद्यार्थी की उसमें रुचि अभिरुचि हो। जिस क्षेत्र में भी हम कैरियर बनाने की सोचे हमें बताना चाहिए कि प्रत्येक कार्य में मासिक आय, अन्य लाभ, तरक्की के अवसर, संतुष्टि, परिवार के साथ समय व्यतीत करना व स्वास्थ्य आदि भी सोच समझ लें। लीक से हटकर जाना श्रेयस्कर है। जिस प्रकार सभी फलों का स्वाद भिन्न-भिन्न किंतु गुणवत्तापूर्ण व स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। उसी प्रकार प्रत्येक कैरियर की अपनी पहचान व महत्व है। विज्ञान वर्ग में इंजीनियरिंग व मेडिकल के अलावा रसायन, भौतिकी वह जीव विज्ञान में संभावना है अथवा विधिक डिफेंस, कृषि विज्ञान, भूगर्भशास्त्र, डेरी विज्ञान, वेटरनरी विज्ञान, नैनो टेक्नोलॉजी इन इंस्ट्रूमेंटेशन व मौसम विज्ञान आदि। वहीं वाणिज्य वर्ग वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट, स्टॉक मार्केट, बैंकिंग, एमबीए, फुटवियर डिजाइन, फैशन टेक्नोलॉजी, लैदर वर्क व मार्केट एनालिसिस आदि में जा सकते हैं। आट्र्स विषय वर्ग के विद्यार्थी भी फैशन डिजाइनिंग, पत्रकारिता, पुस्तकालय विज्ञान, पुरातत्व विभाग, सामाजिक कार्य, लेखन कार्य, संगीत, नाटक, कला, मीडिया, मनोविज्ञान व भाषा विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ सकता है। अभिभावक किसी भी विषय की पढ़ाई के लिए प्रेरित करें। शार्टकट पढ़ाई के दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होते। 1- निर्मला कश्यप, कैरियर काउंसलर- जवाहर नवोदय विद्यालय। 1जासं, गाजीपुर : कक्षा 10 व 12 की बोर्ड परीक्षा फल घोषित होने पर कुछ विद्यार्थी प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं तो बाकी तनावग्रस्त भी होंगे। ऐसे में महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम धैर्य व संयम से काम लें। सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह है कि विद्यार्थी परीक्षा फल के अंकों से ही निराश ना हों। अभिभावक बच्चों को भरपूर स्नेह दें। उन्हें घुमाने-फिराने ले जाएं। जब लगे कि बच्चा सामान्य हो चुका है तब अपने पास बैठाकर उससे संवाद करें कि उसे आगे क्या करना है। बच्चों पर अपना अंतिम निर्णय सुनाने अथवा थोपने का प्रयास न करें। प्रत्येक बालक और बालिका में अनेक संभावनाएं छुपी रहती हैं, उसे जाने। अभिभावक जानबूझकर किसी विषय वर्ग के साथ अपना मान सम्मान न जोड़ें। प्रत्येक वर्ग में उज्ज्वल भविष्य है बशर्ते विद्यार्थी की उसमें रुचि अभिरुचि हो। जिस क्षेत्र में भी हम कैरियर बनाने की सोचे हमें बताना चाहिए कि प्रत्येक कार्य में मासिक आय, अन्य लाभ, तरक्की के अवसर, संतुष्टि, परिवार के साथ समय व्यतीत करना व स्वास्थ्य आदि भी सोच समझ लें। लीक से हटकर जाना श्रेयस्कर है। जिस प्रकार सभी फलों का स्वाद भिन्न-भिन्न किंतु गुणवत्तापूर्ण व स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। उसी प्रकार प्रत्येक कैरियर की अपनी पहचान व महत्व है। विज्ञान वर्ग में इंजीनियरिंग व मेडिकल के अलावा रसायन, भौतिकी वह जीव विज्ञान में संभावना है अथवा विधिक डिफेंस, कृषि विज्ञान, भूगर्भशास्त्र, डेरी विज्ञान, वेटरनरी विज्ञान, नैनो टेक्नोलॉजी इन इंस्ट्रूमेंटेशन व मौसम विज्ञान आदि। वहीं वाणिज्य वर्ग वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट, स्टॉक मार्केट, बैंकिंग, एमबीए, फुटवियर डिजाइन, फैशन टेक्नोलॉजी, लैदर वर्क व मार्केट एनालिसिस आदि में जा सकते हैं। आट्र्स विषय वर्ग के विद्यार्थी भी फैशन डिजाइनिंग, पत्रकारिता, पुस्तकालय विज्ञान, पुरातत्व विभाग, सामाजिक कार्य, लेखन कार्य, संगीत, नाटक, कला, मीडिया, मनोविज्ञान व भाषा विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ सकता है। अभिभावक किसी भी विषय की पढ़ाई के लिए प्रेरित करें। शार्टकट पढ़ाई के दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होते। 1- निर्मला कश्यप, कैरियर काउंसलर- जवाहर नवोदय विद्यालय। 1दैनिक जागरण के 24 मई के अंक में अपना अनुभव प्रस्तुत करेंगे शाहफैज स्कूल के निदेशक नदीम अहमदी। वह बताएंगे कि किस तरह उनके परिवार ने उन्हें कैरियर बनाने में मदद की।