एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर बहराइच श्रावस्ती मुरादाबाद कानपुर जौनपुर अमरोहा लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

लखनऊ : डिग्री कॉलेजों के मानदेय शिक्षकों को नियमित करने की तैयारी

0 comments

लखनऊ : डिग्री कॉलेजों के मानदेय शिक्षकों को नियमित करने की तैयारी

हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ । वर्ष 1999 से अब तक मानदेय पर पढ़ा रहे 750 प्रवक्ता प्रमुख संवाददाता-राज्य मुख्यालय प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में निश्चित मानदेय पर कार्यरत शिक्षकों को विनियमित करने की तैयारी चल रही है। उच्च शिक्षा विभाग इस संबंध में कैबिनेट के लिए प्रस्ताव बनाने में जुटा है। कॉलेजों में शैक्षिक कार्य प्रभावित होने के कारण वर्ष 1998 में निश्चित मानदेय के आधार पर प्रदेश के विभिन्न सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में कुल 903 असिस्टेंट प्रोफेसरों (प्रवक्ता) की नियुक्ति की गई थी। बाद में इन शिक्षकों को पांचवां व छठां वेतनमान भी दिया गया। वर्ष 2006 में तत्कालीन प्रदेश सरकार ने इन शिक्षकों को विनियमित करने के लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा अधिनियम की धारा 31 में संशोधन करने का निर्णय लिया लेकिन इसमें कुछ तकनीकी पेंच फंस जाने के कारण इन मानदेय शिक्षकों का मर्जर (आमेलन) नहीं हो पाया। फिर वर्ष 2011 में प्रदेश सरकार ने इन शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त करने का फैसला ले लिया लेकिन शिक्षकों को हाईकोर्ट से राहत मिल गई। वर्ष 2014 में अधिनियम में संशोधन के लिए नया प्रस्ताव पारित किया गया तो उससे सिर्फ 155 मानदेय शिक्षक ही विनियमित हो पाए। लगभग 750 शिक्षक अभी भी विनियमित होने की प्रत्याशा में हैं। इस बीच लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन (लुआक्टा) ने उच्च शिक्षा विभाग का भी प्रभार संभाल रहे उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के सामने यह मुद्दा उठाया। लुआक्टा ने कहा कि प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 50 प्रतिशत (लगभग 6 हजार) पद रिक्त हैं। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को इन पदों पर चयन की प्रक्रिया पूरी करने में अभी समय लगेगा। ऐसे में इन अनुभवी मानदेय शिक्षकों को विनियमित किया जाना न्यायोचित होगा। लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय के अनुसार उप मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने इस मांग पर उसी समय अपनी सहमति दे दी थी। सूत्रों के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग इन पदों पर चयन के लिए आयोग को अधियाचन न भेजने और कार्यरत मानदेय शिक्षकों को विनियमित करने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। बहुत जल्द यह विषय कैबिनेट के सामने रखा जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।