लखनऊ : संस्कृत विद्यालय व महाविद्यालयों के शिक्षकों ने भिक्षाटन कर अनुदान की मांग की
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ । राष्ट्रवादी और ‘देववाणी संस्कृत की हिमायती प्रदेश सरकार ने अभी तक प्रदेश के गैर राज्य अनुदानित संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों को अनुदान नहीं दिया है। इससे नाराज विद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षक तथा विद्वत ब्राह्मण समाज एवं संस्कृत जगत के लोगों ने देववाणी संस्कृत उत्थान एसोसिएशन के बैनर तले मंगलवार को भिक्षाटन कर अनुदान राशि की सहायता मांगी।
इसमें गांधी प्रतिमा पर देववाणी संस्कृत उत्थान एसोसिएशन की ओर से सभी शिक्षकों ने एकत्रित होकर गांधी व पटले प्रतिमा से होते हुए भाजपा प्रदेश कार्यालय से होते हुए विधानभवन के चारों तरफ चक्कर लगाकर भिक्षाटन किया और वापस गांधी प्रतिमा पहुंचें।
देववाणी संस्कृत उत्थान एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्रनाथ पांडेय ने बताया कि इस समय प्रदेश में लगभग 250 विद्यालय व महाविद्यालय मौजूद हैं। पिछले 40 वर्षों से संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों की उपेक्षा हो रही है। संस्कृत विद्यालय व महाविद्यालय के शिक्षक आर्थिक अभाव में भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। उप्र में भाजपा सरकार के बावजूद संस्कृत विद्यालयों की उपेक्षा होने से आर्थिक संकट गहरा गया है, जिसके चलते शिक्षकों ने भिक्षाटन का रास्ता अपनाकर प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित करने का कदम उठाया।