लखनऊ : कामकाज-- पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर कर्मियों ने काला दिवस मनाया
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ । राज्य कर्मचारी संयुकत परिषद ने स्व. बीएन सिंह की प्रतिमा पर किया प्रदर्शन लखनऊ। कार्यालय संवाददाताराज्य कर्मचारी संयुकत परिषद ने सोमवार को पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारी मसीहा स्व. बीएन सिंह की प्रतिमा पर एकत्र होकर काला दिवस मनाया। पुरानी पेंशन के बदले नई पेंशन व्यवस्था को कर्मचारियो को धोखा बताया। परिषद के मीडिया प्रभारी मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि देश में दोहरी संवैधानिक व्यवस्था चल रही है। एक तरफ चंद दिनों के जन प्रतिनिधि जहां पेंशन का लाभ ले रहे और उनकी पेंशन में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। वही बीस से तीस साल की सेवा के उपरान्त शासकीय सेवकों को मिलने वाली पेंशन से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट तक पेंशन को भीख नहीं बल्कि कर्मचारियों का हक बता चुका है तो नई पेंशन व्यवस्था लागू कर कर्मचारियों को क्यों छला जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम नई पेंशन को नही मानते सरकार पुरानी व्यवस्था बहाल करें। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रान्तीय स्तर की बैठक कर बड़े आन्दोलन की घोषणा की जाएगी। प्रदेश के समस्त जनपद मुख्यालयों पर जनपद अध्यक्ष के नेतृत्व में सभा का आयोजन कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग रखी गई।उन्होंने बताया कि राज्य कर्मचारियों के बूढ़ापे का सहारा पेंशन व्यवस्था को हटाकर नई अंशदायी पेंशन व्यवस्था एक जनवरी 2004 से केन्द्रीय एवं एक अप्रैल 2005 से प्रदेश में लागू कर दी गई। इसके विरोध में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद अपना लगातार विरोध दर्ज कराती आ रही है। उन्होंने बताया कि भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी पूर्व में कह चुके है कि केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी तो पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली पर पुर्नविचार किया जाएगा। इसके अलावा लगभग 50 सांसद पुरानी पेंशन बहाली योजना पर पुर्नविचार के लिए सहमत है। इसके बावजूद भाजपा सरकार को चार साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी पुरानी पेंशन बहाली पर पुर्नविचार नही किया गया। प्रदर्शन में संजीव कुमार गुप्ता, हंसादत्त, पीके नौटियाल, आईएन त्रिपाठी और राजर्षि त्रिपाठी ने सम्बोधित किया।