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बलरामपुर : बीएसए साहब! इन स्कूलों को है इलाज की दरकार, गंदगी व अव्यवस्थाओं के बीच पढ़ने को मजबूर हैं नौनिहाल, नहीं कोई पुरसाहाल

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बलरामपुर : बीएसए साहब! इन स्कूलों को है इलाज की दरकार, गंदगी व अव्यवस्थाओं के बीच पढ़ने को मजबूर हैं नौनिहाल, नहीं कोई पुरसाहाल

त्रिपुरारी शंकर तिवारी, गौरा चौराहा (बलरामपुर) 1नवीन शिक्षा सत्र शुरु हुए करीब डेढ़ माह बीतने को है लेकिन, परिषदीय स्कूलों की बदहाली दूर करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। नौनिहाल अव्यवस्थाओं व गंदगी के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं। अफसर भले ही रैलियां निकालकर शिक्षा व स्वच्छता का संदेश दे रहे हो लेकिन, जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। 1बदहाल शौचालय, उजड़ी फर्श, टूटे दरवाजे, चहारदीवारी व हैंडपंप का अभाव समेत तमाम मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे स्कूलों की सुधि लेना अफसरों ने मुनासिब नहीं समझा। बलरामपुर शिक्षा क्षेत्र का उच्च प्राथमिक विद्यालय सिंहवापुर बदहाली का शिकार है। विद्यालय में प्रधानाध्यापक विजय कुमार मिश्र व सहायक अध्यापक रघुवंश वर्मा की तैनाती है। 50 बच्चे पंजीकृत हैं। प्रधानाध्यापक ने बताया कि नियमित सफाई न होने से विद्यालय परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। विद्यालय के सामने बड़ा गड्ढा है। जो बरसात होने पर तालाब का रूप ले लेता है। पेयजल के लिए भटकना पड़ता है। किचनशेड व चहारदीवारी नहीं है। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय सिंहवापुर भी बदहाली का शिकार है। 1विद्यालय में 178 छात्र पंजीकृत है। प्रधानाध्यापक सुरेश चौधरी ने बताया कि भवन में खिड़की व दरवाजे टूट चुके हैं। दीवार की प्लास्टर व फर्श उजड़ी है। शौचालय निष्प्रयोज्य है। जिससे बच्चों को खुले में जाना पड़ता है। परिसर में छुट्टा जानवर घुस आते हैं। स्कूल बंद होने के बाद यहां अराजक तत्वों का जमावड़ा रहता है। कमोवेश यही हाल प्राथमिक विद्यालय नंदनगर का भी है। प्रधानाध्यापक निहारिका उपाध्याय ने बताया कि केवल दो शिक्षकों की तैनाती है। 211 बच्चे पंजीकृत है। जिसमें नियमित 180 से 190 बच्चे उपस्थित रहते हैं। ऐसे में अध्यापकों की नियुक्ति की जरूरत है। बाउंड्रीवाल नहीं है। परिसर में गंदगी का अंबार लगा रहता है। परिसर में लगा हैंडपंप दूषित पानी दे रहा है। ये चंद विद्यालय तो महज बानगी भर हैं। क्षेत्र में बदहाली के शिकार कई विद्यालय हैं। जहां संसाधनों के नाम पर हर साल लाखों का वारा-न्यारा तो होता है लेकिन, वहां के हालात जस के तस बने हुए हैं। बीएसए रमेश यादव का कहना है कि स्कूल की रंगाई-पुताई के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत बजट दिया जाता है। विद्यालय की अन्य कमियों को दूर करने के लिए प्रधान 14वें वित्त से बजट का उपयोग कर सकते हैं।गौरा चौराहा क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय सिंहवापुर के सामने बना बड़ा गड्ढा, प्राथमिक विद्यालय सिंहवापुर का बदहाल शौचालय ’ जागरण

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