लखनऊ : शिक्षकों को सातवां वेतनमान देने की कवायद, मांगा ब्योरा
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ । प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों एवं संबद्ध सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ देने के मुद्दे पर शासन सक्रिय हो गया है। शासन ने विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों व वित्त नियंत्रकों के अलावा निदेशक (उच्च शिक्षा) से संभावित वार्षिक व्यय भार का ब्योरा मांगा है।
सातवें वेतनमान की संस्तुतियां लागू करने के संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से जारी सर्कुलर के आधार पर शिक्षक संगठनों ने उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के अलावा अपर मुख्य सचिव (उच्च शिक्षा) संजय अग्रवाल को ज्ञापन दिया था। इन ज्ञापनों के आधार पर शासन के उच्च शिक्षा विभाग के उप सचिव कृष्ण चंद्र राय शर्मा ने पूर्व में 5 अप्रैल 2018 को भेजे गए पत्र का हवाला देते हुए बुधवार को रिमांइडर भी भेजा। इसकी प्रति उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) को भी भेजी है। लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने पत्र की प्रति मिलने की पुष्टि की है।
सूत्रों के अनुसार इससे पहले उच्च शिक्षा विभाग ने प्रकरण वित्त विभाग को भेजा था। वित्त विभाग ने शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने पर आने वाले व्यय भार, इस मद में केंद्र सरकार से मिलने वाली धनराशि और छठां वेतनमान दिए जाने पर केंद्र सरकार से प्राप्त धनराशि के बारे में जानकारी मांगी है। वित्त विभाग को यही जानकारी देने के लिए उच्च शिक्षा विभाग राज्य विश्वविद्यालयों और संबद्ध सहायता प्राप्त महाविद्यालयों से सूचनाएं जुटा रहा है। प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग के अधीन कुल 16 राज्य विश्वविद्यालय और 331 सहायता प्राप्त महाविद्यालय हैं।
*केंद्र में लंबित है पुराना बकाया*
सातवां वेतनमान एक जनवरी 2016 से लागू किया जाना है। इस कारण प्रदेश सरकार को एरियर का भुगतान भी करना है। राज्य कर्मचारियों के लिए प्रदेश सरकार ने एरियर भुगतान के तरीके का भी ऐलान कर रखा है। प्रदेश सरकार ने कहा है कि एक जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2016 तक के एरियर का भुगतान दो किस्तों में किया जाएगा। पहली किस्त के रूप में 50 प्रतिशत वित्तीय वर्ष 2018-19 में और दूसरी किस्त के रूप में शेष 50 प्रतिशत एरियर का भुगतान अगले वित्तीय वर्ष 2019-20 में किया जाएगा। इससे पहले प्रदेश सरकार ने राज्य विश्वविद्यालयों व संबद्ध सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों को छठें वेतनमान का पूरा भुगतान तो कर दिया था लेकिन इसमें केंद्र सरकार के हिस्से के 302 करोड़ रुपये अब तक नहीं ले पाई है। अब सातवां वेतनमान देने की बारी आई तो यह मुद्दा भी विभाग के गले की हड्डी बन गया है।