लखनऊ : कर्मचारी-शिक्षकों ने मोटरसाइकिल रैली निकाली, हड़ताल की चेतावनी दी
-एनेक्सी, विधान सभा व भाजपा कार्यालय का घण्टों तक घेराव कर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
-प्रदेश के 75 जनपदो मे मोटरसाइकिल रैली निकाल कर मुख्यमंत्री को मांगो का ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा
-मांगों के पूरा नहीं होने पर सात व आठ जून को हड़ताल की चेतावनी
लखनऊ । कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्र और संयोजक सतीश कुमार पाण्डे के नेतृत्व में बुधवार को प्रदेश के सभी 75 जनपदों में मोटरसाइकिल रैली निकाल कर मुख्यमंत्री से 18 सूत्री मांगों को पूरा करने की अपील की गई। लखनऊ में भी जवाहर भवन से एनेक्सी, सचिवालय होते हुए कलेक्ट्रेट तक मोटरसाइकिल रैली निकालकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।
मोटरसाइकिल रैली में लखनऊ के विभिन्न सरकारी विभागों के कर्मचारी, अस्पताल के कर्मचारी, शिक्षक आदि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सरकारी विरोधी नारे लगा रहे कर्मचारी संगठन के नेताओं की मोटरसाइकिल रैली जहां से निकली वहां पर लम्बा जाम लग गया। राहगीरों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कर्मचारी नेता उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई कराने की मांग कर रहे थे। साथ में चेतावनी दे रहे थे कि अगर मांगों को पूरा नहीं किया गया तो सात व आठ जून को दो दिवसीय कार्य बहिष्कार करेंगे और फिर भी मांगो पर शासनादेश जारी नहीं हुआ तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी जायेगी। नेताओ ने खेद व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से दर्जनो बार अनुरोध करने के बाद भी एक वर्ष मे एक बार भी बैठक नही की गई, जिसके कारण सभी मांगे लम्बित पड़ी हैं। उनका आरोप यह भी था कि प्रत्येक कर्मचारी को प्रतिमाह लगभग दो हजार रूपये न्यूनतम की आर्थिक क्षति हो रही है। शासन व कर्मचारियों के बीच संवादहीनता से टकराव की स्थिति उत्पन्न होना स्वभाविक है। लखनऊ के जनपदीय अध्यक्ष सुभाष चन्द्र श्रीवास्तव और संयोजक सुशील कुमार बच्चा के नेतृत्व में हजारों की संख्या में कर्मचारियों ने जवाहर भवन से एनेक्सी सचिवालय होते हुए नगर निगम के सामने से कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया। रैली मे वीपी मिश्र, सतीश कुमार पाण्डे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा, रामराज दुबे, एसएएच जैदी, मनोज कुमार मिश्रा, सुशील त्रिपाठी, संजय शुक्ला, सुरेश कुमार रावत, गिरीश मिश्रा, अतुल मिश्र, अवधेश सिंह, अमरनाथ सिंह, आदि नेता जीप पर बैठकर रैली की अगुआई कर रहे थे।
रैली में शामिल हुए विभिन्न कर्मचारी संगठन
रैली को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राज्य कर्मचारी महासंघ, स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ, निगम कर्मचारी महासंघ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ, जवाहर भवन, इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ, शिक्षणेत्तर कर्मचारी महासंघ, माध्यमिक शिक्षक संघ, मिनिस्ट्रीयल फेडरेशन,फेडरेशन आफ फारेस्ट, राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ, राजकीय नर्सेज संघ, लैब टेक्नीशियन, राजकीय शिक्षक संघ, आप्टोमेट्रिस्ट आदि संगठनो ने बैनर के साथ भाग लिया।
रैली से बाधित हुईं सरकारी और मेडिकल सेवायें
कर्मचारियों की मोटरसाइकिल रैली के चलते विभिन्न सरकारी सेवाएं पूरे दिन भर बाधित रहीं। फार्मासिस्टों के कारण दवाई वितरण सहित नर्सिंग कार्य, सरकारी अस्पतालों में ब्लड बैंक, पैथालाजी सहित विभिन्न सेवाएं बाधित रहीं। इसी प्रकार जिलों में कलेक्ट्रेट कर्मियों के कारण विभिन्न कार्य बाधित रहे, गन्ना पर्यवेक्षकों की ओर से निजी चीनी मिलों का सर्वेक्षण कार्य बाधित रहा। प्रकार वन विभाग के फील्ड कर्मियों एवं कार्यालय में भी कार्य बाधित रहा। राजधानी में जवाहर भवन, इन्दिरा भवन, लोनिवि, विकास भवन, समाज कल्याण, विकास प्राधिकरण, नगर निगम सहित विभिन्न मुख्यालयों पर दिन भर रैली के कारण कार्य बाधित रहा।
प्रमुख मांगेः
1. पुरानी पेंशन बहाली
2. वेतन विसंगतियां एवं भत्ते के संबन्ध में वेतन समिति की संस्तुतीयां को लागू किया जाय
3. सातवें वेतन आयोग का एरियर का भुगतान
4. राज्य निगमों के कर्मचारियों को केन्द्र की भांति वेतन व भत्ते दिये जाय। व उनके एरियर का भुगतान किया जाय
5. रोडवेज कर्मचारियों के साथ सभी समझौतों को लागू करते हुए सातवें वेतन आयोग से लागू किया जाय
6. तदर्थ शिक्षकों को विनियमितीकरण कर शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर 300 दिन का अवकाश नकदीकरण
7. विकास प्राधिकरण कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की भांति 10 वर्ष पर पेंशन दी जाय
8. चतुर्थ श्रेणी सहित सभी रिक्त पदों पर भर्ती एवं पदोन्नतियां की जाय
9. आउटसोर्सिग कर्मचारियों को सेवा सुरक्षा प्रदान की जाय
10. कैशलेस इलाज की व्यवस्था लागू की जाये
11. 1 दिसम्बर 2001 के बाद के कर्मचारियों को विनियमितीकरण
12. अवकाश नकदीकरण की बहाली
13. सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष की जाये
14. 50 वर्ष के उपर जबरन सेवानिवृत्ति पर रोक