औरैया : परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई में कमजोर बच्चों को अलग से शिक्षा दी जाएगी
जागरण संवाददाता, औरैया : परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई में कमजोर बच्चों को अलग से शिक्षा दी जाएगी। सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत ऐसे बच्चों को उपचारात्मक शिक्षण दिया जाएगा। इसकी जानकारी निदेशालय ने कक्षावार मांगी है।
सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बच्चों के लिए हर संभव प्रयास भी हो रहा है। उसी कड़ी में परिषदीय स्कूलों में उपचारात्मक शिक्षण भी शुरू किया जा रहा है। राज्य परियोजना निदेशालय से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार 30 सितंबर 2017 के छात्र नामांकन को इसका आधार बनाया जाएगा। उपचारात्मक शिक्षण के लिए शैक्षिक सत्र 2017-18 की वार्षिक परीक्षा में 40 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले छात्र-छात्रओं का कक्षावार चिह्नीकरण किया जाएगा। एक विद्यालय से 30 बच्चे ही चिह्नित होंगे।
यदि किसी विद्यालय में 40 प्रतिशत से कम अंक हासिल करने वाले बच्चों की संख्या 30 से अधिक है तो इस स्थिति में उपचारात्मक शिक्षण के लिए कक्षा तीन, चार व पांच के बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी। 30 सितंबर 2017 को नामांकित छात्र वर्तमान सत्र में एक उच्चतर कक्षा के लिए चिह्नित किए जाएंगे। जैसे कि कक्षा एक में नामांकित छात्र के वार्षिक परीक्षा में 40 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त हुए हैं तो उसका कक्षा दो में उपचारात्मक शिक्षण के लिए चयन किया जाएगा।
परियोजना निदेशालय ने इस संबंध में विद्यालयों में नामांकित कुल छात्र-छात्रओं और उनके सापेक्ष उपचारात्मक शिक्षण के लिए चिह्नित बच्चों का कक्षावार विवरण मांगा है। उसी के अनुसार कार्ययोजना बनाकर उन्हें उपचारात्मक शिक्षण दिया जाएगा। 1 जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एसपी यादव ने बताया कि आदेश के अनुसार प्रधानाध्यापकों को जल्द से जल्द इस आदेश का अनुपालन करने के निर्देश दिये गये हैं।
जागरण संवाददाता, औरैया : परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई में कमजोर बच्चों को अलग से शिक्षा दी जाएगी। सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत ऐसे बच्चों को उपचारात्मक शिक्षण दिया जाएगा। इसकी जानकारी निदेशालय ने कक्षावार मांगी है। 1सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बच्चों के लिए हर संभव प्रयास भी हो रहा है। उसी कड़ी में परिषदीय स्कूलों में उपचारात्मक शिक्षण भी शुरू किया जा रहा है। राज्य परियोजना निदेशालय से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार 30 सितंबर 2017 के छात्र नामांकन को इसका आधार बनाया जाएगा। उपचारात्मक शिक्षण के लिए शैक्षिक सत्र 2017-18 की वार्षिक परीक्षा में 40 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले छात्र-छात्रओं का कक्षावार चिह्नीकरण किया जाएगा। एक विद्यालय से 30 बच्चे ही चिह्नित होंगे। 1 यदि किसी विद्यालय में 40 प्रतिशत से कम अंक हासिल करने वाले बच्चों की संख्या 30 से अधिक है तो इस स्थिति में उपचारात्मक शिक्षण के लिए कक्षा तीन, चार व पांच के बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी। 30 सितंबर 2017 को नामांकित छात्र वर्तमान सत्र में एक उच्चतर कक्षा के लिए चिह्नित किए जाएंगे। जैसे कि कक्षा एक में नामांकित छात्र के वार्षिक परीक्षा में 40 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त हुए हैं तो उसका कक्षा दो में उपचारात्मक शिक्षण के लिए चयन किया जाएगा। 1परियोजना निदेशालय ने इस संबंध में विद्यालयों में नामांकित कुल छात्र-छात्रओं और उनके सापेक्ष उपचारात्मक शिक्षण के लिए चिह्नित बच्चों का कक्षावार विवरण मांगा है। उसी के अनुसार कार्ययोजना बनाकर उन्हें उपचारात्मक शिक्षण दिया जाएगा। 1 जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एसपी यादव ने बताया कि आदेश के अनुसार प्रधानाध्यापकों को जल्द से जल्द इस आदेश का अनुपालन करने के निर्देश दिये गये हैं।