फर्जी माइग्रेशन लगाकर छात्रा ने कर लिए एमए, बीकॉम, बीएड
रुहेलखंड विवि से एक साथ तीन कोर्स करने वाली छात्रा ने फर्जीवाड़े की मदद ली थी। छात्रा ने अलग-अलग इनरोलमेंट नंबर से बीकॉम और बीएड किया। इसकी वजह से रुहेलखंड विवि के साफ्टवेयर की पकड़ में यह फर्जीवाड़ा नहीं आ सका और रिजल्ट जारी हो गया। इस मामले की जांच के लिए परीक्षा नियंत्रक ने कमेटी बना दी है। कमेटी पूरे फर्जीवाड़े की तह तक जाएगी और रिपोर्ट सात दिन में देगी।
रुहेलखंड विवि की एक छात्रा ने बीए, एमए, बीकॉम और बीएड की ऐसी खिचड़ी बनाई थी कि अफसर हैरान रह गए। छात्रा ने 2016 में बरेली कॉलेज से एमए इंग्लिश फाइनल की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान 2016 में वह बीकॉम सेंकेंड ईयर और बीएड फर्स्ट ईयर पूरा किया। छात्रा 2016 में तीन कोर्स एमए, बीकॉम और बीएड कर रही थी। 2017 में छात्रा बीकॉम और बीएड भी पूरा कर लिया। हैरानी की बात थी कि वह बीकॉम और बीएड एक साथ कैसे कर सकती थी जबिक बीएड की योग्यता ही स्नातक थी। इस मामले की शिकायत के बाद जांच हुई तो पता चला कि उसने बीकॉम और बीएड दोनों अलग-अलग नामांकन से किया।
फर्जी माइग्रेशन लगाकर किया एक कोर्स
दो-दो नामांकन फर्जीवाड़ा करने के ही हासिल किया जा सकता है। एक नामांकन 14003086 से छात्रा ने बीकॉम में एडमिशन किया। वहीं बीएड में नामांकन संख्या 11030209 से एडमिशन लिया। बताया जा रहा है कि ऐसा तभी संभव है जब विवि का कोई कर्मचारी इस पूरे फर्जीवाड़े में शामिल रहा हो। दो नामांकन में से एक के लिए फर्जी माइग्रेशन लगाया गया होगा। ऐसे में जांच कमेटी के फैसले के बाद विवि प्रशासन आरोपी छात्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही उसकी डिग्रियां निरस्त करेगा।
दोनों निरस्त होगी
रुहेलखंड विवि प्रशासन बीकॉम और बीएड दोनों एक साथ करने के मामले को लेकर काफी कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। साथ ही विवि ने भविष्य में ऐसी पुनावृत्ति रोकने के लिए स्पेशल साफ्टवेयर तैयार कराने की कवायद में जुट गया है जो नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि और मां का नाम मिलते ही अलर्ट जारी करेगा।
दो नामांकन के जरिए दो कोर्स किए गए हैं। मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। रिपोर्ट परीक्षा समिति में रखी जाएगी। समिति कार्रवाई पर फैसला लेगी।
डॉ. महेश कुमार
परीक्षा नियंत्रक