इलाहाबाद : रेती पर जलेगी शिक्षा की लौ, कुंभ मेला क्षेत्र के सेनिटेशन कॉलोनी में खोले जाएंगे 10 विद्यालय
पुराने स्कूलों से ही मिलेंगे प्रमाण पत्र1कुंभ मेला क्षेत्र में जो बच्चे पढ़ेंगे, उन्हें प्रमाण पत्र व अंकपत्र पुराने स्कूल से ही मिलेंगे, जहां वे पढ़ रहे हैं। मेले में व्यवस्था इसलिए की जा रही है, ताकि उनका कोर्स न पिछड़े। जिन बच्चों का अभी तक नामांकन कहीं नहीं है और वे यहां पढ़ेंगे तो लौटने पर जहां रहते हैं, वहां के स्कूल के संपर्क कर उनका नामांकन कराया जाएगा।
ज्ञानेन्द्र सिंह, इलाहाबाद । कुंभ मेला क्षेत्र में अध्यात्म ही नहीं शिक्षा की भी अलख जगेगी। इसके लिए दस प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय भी खोले जाएंगे, जिनमें शिक्षक समेत अन्य स्टॉफ भी तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा छोटे बच्चों के लिए दो क्रेच भी खोले जाएंगे।
दरअसल, कुंभ मेला के लिए लगभग 16 हजार महिला व पुरुष सफाई कर्मियों की तैनाती की जाएगी। दूसरे जिलों से आने वाले ये सफाई कर्मी परिवार के साथ मेला में आते हैं। 2013 के कुंभ में 12 हजार सफाई कर्मी बुलाए गए थे, जिनके बच्चे दिन भर इधर-उधर टहलते थे। दो परिवार के बच्चों के साथ अनहोनी भी हो गई थी। ऐसे में इस साल इन कर्मियों के परिवार व उनके बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए ये इंतजाम किए जा रहे हैं। उप मेलाधिकारी राजीव राय ने बताया कि मेला क्षेत्र में इन कर्मियों के लिए सेनिटेशन कॉलोनी बनाई जाएगी। कॉलोनी के लोगों के लिए पास के अस्पताल में ही इलाज की व्यवस्था होगी। इन कॉलोनियों में दस प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय संचालित किए जाएंगे, जो एक जनवरी 2019 से 15 मार्च तक चलेंगे। इनमें प्रधानाध्यापक, अध्यापक और अन्य स्टॉफ की तैनाती की जाएगी। किताब-कॉपी, बैग व अन्य स्टेशनरी दी जाएगी। सुबह नाश्ता व दोपहर में बच्चों को भोजन भी दिया जाएगा। इसके अलावा दो क्रेच भी बनाए जाएंगे जिनमें चार साल तक के बच्चों को दिन भर रखा जाएगा। क्रेच में प्रशिक्षित महिला स्टॉफ की तैनाती की जाएगी। यहां भी बच्चों को खाने-पीने की व्यवस्था रहेगी। उप मेलाधिकारी ने बताया कि इन स्कूलों में अन्य श्रमिकों के बच्चे भी पढ़ सकेंगे।
ज्ञानेन्द्र सिंह, इलाहाबाद । कुंभ मेला क्षेत्र में अध्यात्म ही नहीं शिक्षा की भी अलख जगेगी। इसके लिए दस प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय भी खोले जाएंगे, जिनमें शिक्षक समेत अन्य स्टॉफ भी तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा छोटे बच्चों के लिए दो क्रेच भी खोले जाएंगे।
दरअसल, कुंभ मेला के लिए लगभग 16 हजार महिला व पुरुष सफाई कर्मियों की तैनाती की जाएगी। दूसरे जिलों से आने वाले ये सफाई कर्मी परिवार के साथ मेला में आते हैं। 2013 के कुंभ में 12 हजार सफाई कर्मी बुलाए गए थे, जिनके बच्चे दिन भर इधर-उधर टहलते थे। दो परिवार के बच्चों के साथ अनहोनी भी हो गई थी। ऐसे में इस साल इन कर्मियों के परिवार व उनके बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए ये इंतजाम किए जा रहे हैं। उप मेलाधिकारी राजीव राय ने बताया कि मेला क्षेत्र में इन कर्मियों के लिए सेनिटेशन कॉलोनी बनाई जाएगी। कॉलोनी के लोगों के लिए पास के अस्पताल में ही इलाज की व्यवस्था होगी। इन कॉलोनियों में दस प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय संचालित किए जाएंगे, जो एक जनवरी 2019 से 15 मार्च तक चलेंगे। इनमें प्रधानाध्यापक, अध्यापक और अन्य स्टॉफ की तैनाती की जाएगी। किताब-कॉपी, बैग व अन्य स्टेशनरी दी जाएगी। सुबह नाश्ता व दोपहर में बच्चों को भोजन भी दिया जाएगा। इसके अलावा दो क्रेच भी बनाए जाएंगे जिनमें चार साल तक के बच्चों को दिन भर रखा जाएगा। क्रेच में प्रशिक्षित महिला स्टॉफ की तैनाती की जाएगी। यहां भी बच्चों को खाने-पीने की व्यवस्था रहेगी। उप मेलाधिकारी ने बताया कि इन स्कूलों में अन्य श्रमिकों के बच्चे भी पढ़ सकेंगे।
मेलाधिकारी से मिला तीर्थपुरोहित समाज
वि, इलाहाबाद : कुंभ में उचित सुविधा हासिल करने को तीर्थपुरोहित समाज रविवार को कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद से मिला। एकजुटता दिखाते हुए तीर्थपुरोहितों ने मेलाधिकारी को अपनी मांगों से अवगत कराया। कहा कि कुंभ मेला का एक मार्ग प्रयागवाल के नाम पर रखा जाए। प्रतिनिधिमंडल में राजेंद्र पालीवाल, चंद्रनाथ चकहा, सुभाष पांडेय, अजय पांडेय, हीरामणि, संतोष, दिनकर आदि रहे।कुंभ मेला क्षेत्र में आने वाले सफाई कर्मियों व अन्य श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई के लिए यह पहल की गई है। स्कूलों के साथ ही क्रेच कुंभ मेला क्षेत्र में पहली बार खोले जा रहे हैं।1विजय किरन आनंद, कुंभ मेलाधिकारी