जिले के 100 परिषदीय स्कूलों को बनाया जाएगा मॉडल
सोनभद्र। निज संवाददाता । जिले में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए मूलभूत समस्याओं व व्यवस्थाओं को पूरी गुणाात्मक सुधार करते हुए शिक्षा को बेहतर बनाया जाय, जिससे जिले में संचालित प्राइमरी व परिषदीय विद्यालयों के बच्चों का बौद्घिक विकास होने पर ही बच्चों का विकास संभव है।
दूरस्थ क्षेत्रों में जहां पर शिक्षा का स्तर ज्यादा गिर गया है, वहां पर शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाय, ताकि आने वाले बच्चों का भविष्य उज्जवल मय हो। जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में नीति आयोग के निर्देशन में आयोजित शिक्षा व्यवस्था के सुधार सम्बन्धी बैठक करते हुए उक्त बातें कहीं।
इस दौरान डीएम श्री सिंह ने कहा कि 100 ऐसे स्कूलों को चिन्हित किया जाय, जिसकी सूची सर्वे कराकर जल्द से जल्द प्रस्तुत किया जाय, जो माडल के रूप में प्रस्तुत किया जाना है। इसके लिए स्कूलों में मूलभूत शिक्षा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के मकसद से स्कूल भवनों में बालक व बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, हैण्डवास मशीनरी, विद्युतीकरण आदि की मुकम्मल व्यवस्था मुहैया करायी जाय। बैठक के दौरान नीति आयोग के पिरामल फाउण्डेशन के पदाधिकारियों के साथ बाला योजना के तहत विद्यालयों को आकर्षित बनाने के लिए पेंटिंग आदि का कार्य सुचारू रूप से कराया जाय।
इसी प्रकार से स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के सम्बन्ध में भी चर्चा की। उससे जुड़े बिन्दुओं के बारे में कहा कि कार्य योजना बनाकर कार्य को मूर्त रूप दिया जाय। उन्होंने कहा कि 100 माडल स्कूलों में समग्र गांवों के स्कूलों को भी शामिल किया जाय। सबसे पहले इन्हीं स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का कार्य किया जाय।
उन्होंने बैठक के दौरान अभियान चलाकर गांव स्तर पर बच्चों का नामांकन कराने, कक्षा-8 उत्तीर्ण करने के बाद विद्यालय को छोड़कर 9वीं कक्षा के लिए विद्यालयों में दाखिला के लिए गांव स्तर पर वैलेन्टियर का प्रशिक्षण कराकर जल्द से जल्द लोगों को अपने-अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें जागरूक भी किया जाय। उन्होंने कहा कि जो अध्यापक व एबीएसए अच्छे कार्य शिक्षा हित मे करेंगे, उनको पुरस्कृत भी किया जायेगा। इस मौके पर सीडीओ सुनील कुमार वर्मा, बीएसए डॉॅक्टर गोरखनाथ पटेल, डीपीआरओ आरके भारती आदि मौजूद रहे।