लखनऊ : 80 हजार शिक्षक बनने वाले युवाओं को जुलाई से आस, फर्जी शिक्षकों से निपटने के लिए लिखित परीक्षा
लखनऊ । जुलाई का महीना शिक्षक बनने वाले लगभग 80 हजार युवाओं के लिए रोजगार की आस लेकर आएगा। 10,768 एलटी ग्रेड शिक्षक के लिए जहां लिखित परीक्षा 29 जुलाई को होनी है, वहीं सरकारी प्राइमरी स्कूलों के 68,500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए विज्ञापन भी जुलाई में आएगा।
राज्य सरकार ने पहली बार माध्यमिक और बेसिक शिक्षा के सरकारी स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा अनिवार्य कर दी है। एलटी ग्रेड यानी माध्यमिक स्तर के कॉलेजों में सहायक अध्यापक बनने के लिए लिखित परीक्षा लोक सेवा आयोग कराएगा जो 29 जुलाई को होनी है। वहीं बेसिक शिक्षा में भर्ती के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी लिखित परीक्षा करा चुका है। इसका रिजल्ट आना बाकी है। रिजल्ट निकलने के बाद ही भर्ती प्रक्रिया बेसिक शिक्षा परिषद शुरू करेगा।
अभी तक दोनों ही स्तरों पर भर्तियां शैक्षिक गुणांक पर होती आई हैं। एलटी ग्रेड मंडल स्तर तो प्राइमरी में जिला स्तर पर नियुक्ति होती रही है। अब सरकार ने एलटी ग्रेड भर्ती को प्रदेश स्तर पर कर दिया है और इसका जिम्मा आयोग को सौंपा है। वहीं प्राइमरी में प्रदेश स्तर पर लिखित परीक्षा के अंक शैक्षिक गुणांक में जोड़े जाएंगे। 40 फीसदी शैक्षिक योग्यता और 60 फीसदी अंक लिखित परीक्षा के जोड़कर ही मेरिट तैयार होगी।
फर्जी शिक्षकों से निपटने के लिए लिखित परीक्षा :
दोनों ही स्तरों पर बीती कई भर्तियों में फर्जी अंकपत्रों के सहारे शिक्षक बनने वाले युवाओं की भरमार रही है। ऐसे में विभाग को उन्हीं पदों के लिए बार-बार भर्ती करनी पड़ती थी। बीते वर्ष तो बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एक साथ 4570 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया, क्योंकि उन्होंने डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा से 2004-05 में बीएड के फर्जी अंकपत्र के सहारे नौकरी हासिल की थी। इसका तोड़ निकालते हुए दोनों ही स्तरों पर लिखित परीक्षा अनिवार्य कर दी गई ताकि पात्र युवा ही शिक्षक बनें और शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाई जा सके।