छुट्टी की कर दी छुट्टी, समर कैंप में लगी मुनिया की क्लास
Publish Date:Fri, 01 Jun 2018 12:01 AM (IST)बहराइच : काम के नजरिए से निशाने पर रहने वाले परिषदीय स्कूल गर्मी की छुट्टियों में नई मिस...
बहराइच : काम के नजरिए से निशाने पर रहने वाले परिषदीय स्कूल गर्मी की छुट्टियों में नई मिसाल पेश कर रहे हैं। कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर यहां भी समर कैंप शुरू किए गए हैं। यह समर कैंप विद्यालय के बच्चों में जज्बा जगाने में कामयाम हो, इसके लिए 75 शिक्षकों ने अपनी छुट्टियां छोड़ दी हैं। अब सुबह से ही इन परिषदीय विद्यालयों के दर पर भाषा और गणित की कक्षाएं शुरू हो जाती हैं। टीचर सुबह आठ बजे ही समर कैंप बने स्कूलों में पहुंच जाते हैं और यहां बेमौसम ही गूंजते लगता है 'एक मोटा हाथी झूम के चला।'
जी हां, डीएम माला श्रीवास्तव की यह अनूठी पहल चर्चा में है। डीएम का इकबाल बुलंद रहे, इसलिए 75 प्राइमरी शिक्षकों ने अपने गर्मी की छुट्टियां छोड़ दी हैं।कई ने टिकट कैंसिल कराए तो घर-खेत दुरुस्त रखने के इरादे छोड़ दिए। अब ये टीचर सुबह स्कूलों में पहुंच जाते हैं। दरअसल 20 मई के बाद प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में छुट्टी की बहार आ जाती है। टीचर या तो फैमिली के साथ छुट्टियों पर होते हैं या फिर घर गृहस्थी के कामों के निपटारे में जुट जाते हैं, लेकिन इस बार गर्मी की छुट्टी कुछ अलग सीख दे रही है। जिन प्राइमरी के शिक्षकों से जुड़े किस्से लोगों की जुबान से नहीं हटते थे, वही लेटलतीफ मास्साब व मिस जी किसी होनहार के मा¨नद टाइम के पूरे पाबंद हो चुके हैं। घड़ी में सात बजे नहीं की उनकी सवारी चल रफ्तार पकड़ लेती है। यह क्रांतिकारी बदलाव लाने का श्रेय जिले की डीएम माला श्रीवास्तव को जाता है। बताया जाता है कि डीएम को जब स्कूल चलो अभियान की शुरुआत के लिए विभाग ने आमंत्रण दिया, तभी उन्होंने इस गर्मी की छुट्टी में समर कैंप लगाने की शपथ विभागीय अधिकारियों से ले ली। फिर क्या था, इसी के बाद तमाम कसमकस के बीच शिक्षण में रुचि रखने वाले डेडिकेटेड 75 शिक्षकों की तलाश की गई। जिले के राजकीय इंटर कॉलेज में चार दिनों तक चली ट्रे¨नग में भाषा व गणित पढ़ाने के टिप्स दिए गए। फिर हर ब्लॉक में पांच-पांच स्कूल तलाशकर इन्हें समर कैंप बनाने की योजना को अमलीजामा पहना दिया गया। गुरुवार को कैंप के दूसरे दिन जब 'दैनिक जागरण' संवाददाता ने शहर के पुलिस लाइन से सटकर स्थित प्राइमरी स्कूल फुटहा का जायजा लिया तो यहां के बच्चे अपने स्कूल के बरामदे में सलीके से बैठे अपनी पढ़ाई का काम पूरा कर रहे थे। दूसरी कक्षा का नजारा तो और भी रोमांचित करने वाला था। दो बच्चे एक मोटा हाथी झूम के चला, भाषा गीत पर मस्ती के अंदा•ा में थे। दरअसल ये समर कैंप की पहल कान्वेंट स्कूलों की सोच का हिस्सा माना जाता रहा है, लेकिन डीएम की पहल पर इस बार यह फिसड्डी कहे जाने वाले परिषदीय स्कूलों की शान में इजाफा कर रहे हैं। फुटहा स्कूल में समर कैंप में बच्चों को पढ़ाती मिली टीचर अन्नू ¨सह ने बताया कि वैसे तो उन्हें गर्मी की छुट्टी में खुद को¨चग लेने नोएडा जाना था, लेकिन जब इस कैंप की बात सुनी तो बच्चों के हित में अपनी योजना कैंसिल कर दी। यहीं पर मिले शिक्षक कमलेश कुमार ने कहा कि यह हम सबके लिए नया और अभिनव प्रयोग है।