मिड-डे-मील में गड़बड़ी पर तीन की प्रधानी खतरे में
सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील वितरण में गड़बड़ी करने पर तीन प्रधानों की कुर्सी खतरे में पड़ गई है।...
जागरण संवाददाता, बरेली : सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील वितरण में गड़बड़ी करने पर तीन प्रधानों की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। जांच में दोषी पाए जाने पर डीएम ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। संतुष्ट नहीं होने पर वित्तीय अधिकार सीज करके हटाने की कार्रवाई की जाएगी। केस एक
नवाबगंज के ईध जागीर गांव के सरकारी स्कूल के सहायक अध्यापक लवलेश ने प्रधान हमसीरन की संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायत की थी। इसमें मिड-डे-मील के तहत बच्चों को फल वितरण में अनियमितता बरतने, रसोइयों के मानदेय, परिवर्तन लागत के चेकों पर हस्ताक्षर नहीं करने का आरोप लगाया था। जिस पर तत्कालीन प्रभारी बीएसए ने जांच की। आरोपों को सही पाने पर डीपीआरओ को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा। केस दो
नवाबगंज के ग्राम बिथरी के सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक क्षेत्रपाल गंगवार ने सीडीओ से शिकायत की। इसमें आरोप लगाया कि मिड-डे मील का सामान प्रधान पति घर ले गए हैं। क्षेत्रीय विधायक के कहने पर कुछ समय प्रधान ने एमडीएम वितरित कराया, लेकिन गुणवत्ता परक नहीं दिलाया। अब मध्यावकाश भोजन ग्रहण करने वाले छात्रों की फर्जी संख्या रजिस्टर में दर्ज कराने का दबाव बना रहे हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की जांच में आरोप सही पाए गए और सीडीओ ने डीपीआरओ को प्रधान नत्थो देवी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। केस तीन
भुता ब्लॉक के पटना गांव स्थित सरकारी स्कूल में बच्चों को सड़ा गला मिड-डे-मील प्रधान द्वारा दिया जा रहा था। खाद्यान्न घर पर रख रखा था। शिकायत मिलने पर डीएम ने शिक्षा विभाग के एबीआरसी से जांच कराई। रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि हुई। जिस पर डीएम ने बीएसए को स्कूल के प्रधानाध्यापक को मिड-डे-मील वितरित कराने की जिम्मेदारी निर्धारित करने तथा प्रधान कल्यान राय के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डीपीआरओ को निर्देश दिए।
जांच में मिड-डे-मील में गड़बड़ी के आरोप सही पाए गए। जिस पर डीएम के माध्यम से तीन प्रधानों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
--विनय कुमार, डीपीआरओ।