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बुलंदशहर : डीआइओएस के शिक्षकों का नियमित मानसिक जांच के तुगलकी फरमान से शिक्षकों में आक्रोश

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डीआइओएस के तुगलकी फरमान से शिक्षकों में आक्रोश


बुलंदशहर: जिला विद्यालय निरीक्षक के तुगलकी फरमान के बाद से शिक्षकों में रोष व्याप्त है। उन्ह...

बुलंदशहर: जिला विद्यालय निरीक्षक के तुगलकी फरमान के बाद से शिक्षकों में रोष व्याप्त है। उन्होंने शैक्षिक संस्थानों के प्रधानाचार्य एवं प्रबंधकों को आदेश जारी किया है कि शिक्षकों की नियमित मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराई जाए। जिससे शिक्षा की व्यवस्था में सुधार हो सके।

जिला विद्यालय निरीक्षक राधा कृष्ण तिवारी ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित विद्यालय एवं अन्य विद्यालयों के लिए आदेश जारी किया है कि विद्यालयों के शिक्षक और कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य का नियमित परीक्षण कराया जाएगा। इसको लेकर कई शिक्षक संगठन एवं सीबीएसई एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यह शिक्षकों का सीधे सीधे शोषण किया जा रहा है। नियमित मानसिक जांच कराने का मतलब है कि शिक्षकों का मानसिक स्तर ठीक नहीं हैं। जिले में भी मानसिक स्वास्थ्य की जांच नहीं होती है। इसके लिए जिले से बाहर जाना पड़ेगा। सीबीएसई लीगल सेल के एडवोकेट अजय ¨सह सिरोही ने विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि जिला विद्यालय निरीक्षक का यह तुगलकी फरमान है। नियमित रूप से शिक्षकों की जांच नहीं कराई जा सकती है। अधिकारी जिस तरह से आदेश जारी कर रहे हैं, पहले उन्हें जांच कराने की आवश्यकता है। सीबीएसई एसोसिएशन के जेसी पंत ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही शिक्षकों को इससे रिलीव कर दिया है। शिक्षकों की मानसिक जांच कराने की आवश्यकता नहीं है। अगर, जिला विद्यालय निरीक्षक आदेश को वापस नहीं लेते हैं, तो उनके खिलाफ एसोसिएशन सड़क पर उतरने को मजबूर होगी। सीएमएस डा. रामवीर ¨सह ने बताया कि जिला चिकित्सालय में मानसिक जांच नहीं होती है। मानसिक जांच के लिए बाहर जाना पड़ेगा।

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