इलाहाबाद : यूपीएससी पैटर्न लागू करने से उप्र लोक सेवा आयोग की बढ़ी मुसीबत
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : पीसीएस परीक्षा 2018 से यूपीएससी के पैटर्न को अपनाने जा रहे उप्र लोकसेवा आयोग को पहले पीसीएस (मुख्य) परीक्षा 2017 में उत्तीर्ण होना होगा। अभ्यर्थियों में परीक्षाओं को लेकर असंतोष, परीक्षाओं व परिणाम में अनिश्चितता और परीक्षा कार्यक्रम निर्धारित करने से पहले अन्य राज्यों के आयोग से बेहतर तालमेल न होने के चलते आयोग अब भी विवादों से घिरा है, जबकि यूपीएससी की ओर से होने वाली परीक्षा के सभी चरण पूर्व घोषित व तय समय सीमा में होने से अभ्यर्थियों का उस पर भरोसा अधिक है। 1 प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अपनी व्यवस्थाओं में सुधार लाने की कवायद में जुटे उप्र लोकसेवा आयोग ने पिछले साल एक बड़ा निर्णय लिया था। जिसमें परीक्षाओं में यूपीएससी का पैटर्न अपनाने का प्रस्ताव पारित हुआ था और शासन में यह प्रस्ताव भेजकर उस पर मंजूरी भी आयोग ने ले ली।1 पीसीएस परीक्षा 2018 से इसकी शुरुआत होनी है। यूपीएससी का पैटर्न लागू करने की घोषणा के बाद ही आयोग की तैयारी साल 2018 की पहली छमाही के परीक्षा कैलेंडर से ही साफ हो गई। जिसमें कई परीक्षाएं टली व आठ अप्रैल को हुई समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा 2017 की उत्तर कुंजी तक आयोग जारी नहीं कर सका। पीसीएस परीक्षा 2017 विवादों से घिरी है और एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 में भी आयोग की गलतियां जगजाहिर हैं। पिछले दिनों पीसीएस (मुख्य) परीक्षा 2017 की तारीख 18 जून से निर्धारित कर आयोग ने अभ्यर्थियों में फिर असंतोष पैदा किया जिसमें अभ्यर्थियों का आरोप है कि आयोग ने अन्य राज्यों के आयोग की परीक्षाओं को ध्यान में नहीं रखा और मनमाने तरीके से परीक्षा कार्यक्रम लागू किया। 1वहीं पिछले दिनों यूपीएससी ने 2019 का परीक्षा कैलेंडर जारी कर दिया। तीन जून को निर्धारित यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा तय तारीख पर हुई। इससे पहले भी यूपीएससी की परीक्षाएं और इसके अन्य चरण समयबद्ध तरीके से होने के चलते अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। नियमित रूप से प्रतियोगी परीक्षाएं देते आ रहे अभ्यर्थियों की तकलीफ यह है कि यूपीएससी की परीक्षाओं के हर एक कार्यक्रम से अभ्यर्थी से मानसिक रूप से तैयार रहते हैं जबकि उप्र लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में हर स्तर पर अनिश्चितता खत्म नहीं हो पा रही है। अभ्यर्थियों की मानें तो पीसीएस (मुख्य) परीक्षा 2017 में ही आयोग की तैयारी स्पष्ट हो जाएगी कि वह यूपीएससी का पैटर्न अपनाने के लिए कितना तैयार है।1राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : पीसीएस परीक्षा 2018 से यूपीएससी के पैटर्न को अपनाने जा रहे उप्र लोकसेवा आयोग को पहले पीसीएस (मुख्य) परीक्षा 2017 में उत्तीर्ण होना होगा। अभ्यर्थियों में परीक्षाओं को लेकर असंतोष, परीक्षाओं व परिणाम में अनिश्चितता और परीक्षा कार्यक्रम निर्धारित करने से पहले अन्य राज्यों के आयोग से बेहतर तालमेल न होने के चलते आयोग अब भी विवादों से घिरा है, जबकि यूपीएससी की ओर से होने वाली परीक्षा के सभी चरण पूर्व घोषित व तय समय सीमा में होने से अभ्यर्थियों का उस पर भरोसा अधिक है। 1 प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अपनी व्यवस्थाओं में सुधार लाने की कवायद में जुटे उप्र लोकसेवा आयोग ने पिछले साल एक बड़ा निर्णय लिया था। जिसमें परीक्षाओं में यूपीएससी का पैटर्न अपनाने का प्रस्ताव पारित हुआ था और शासन में यह प्रस्ताव भेजकर उस पर मंजूरी भी आयोग ने ले ली।1 पीसीएस परीक्षा 2018 से इसकी शुरुआत होनी है। यूपीएससी का पैटर्न लागू करने की घोषणा के बाद ही आयोग की तैयारी साल 2018 की पहली छमाही के परीक्षा कैलेंडर से ही साफ हो गई। जिसमें कई परीक्षाएं टली व आठ अप्रैल को हुई समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा 2017 की उत्तर कुंजी तक आयोग जारी नहीं कर सका। पीसीएस परीक्षा 2017 विवादों से घिरी है और एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 में भी आयोग की गलतियां जगजाहिर हैं। पिछले दिनों पीसीएस (मुख्य) परीक्षा 2017 की तारीख 18 जून से निर्धारित कर आयोग ने अभ्यर्थियों में फिर असंतोष पैदा किया जिसमें अभ्यर्थियों का आरोप है कि आयोग ने अन्य राज्यों के आयोग की परीक्षाओं को ध्यान में नहीं रखा और मनमाने तरीके से परीक्षा कार्यक्रम लागू किया। 1वहीं पिछले दिनों यूपीएससी ने 2019 का परीक्षा कैलेंडर जारी कर दिया। तीन जून को निर्धारित यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा तय तारीख पर हुई। इससे पहले भी यूपीएससी की परीक्षाएं और इसके अन्य चरण समयबद्ध तरीके से होने के चलते अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। नियमित रूप से प्रतियोगी परीक्षाएं देते आ रहे अभ्यर्थियों की तकलीफ यह है कि यूपीएससी की परीक्षाओं के हर एक कार्यक्रम से अभ्यर्थी से मानसिक रूप से तैयार रहते हैं जबकि उप्र लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में हर स्तर पर अनिश्चितता खत्म नहीं हो पा रही है। अभ्यर्थियों की मानें तो पीसीएस (मुख्य) परीक्षा 2017 में ही आयोग की तैयारी स्पष्ट हो जाएगी कि वह यूपीएससी का पैटर्न अपनाने के लिए कितना तैयार है।