राज्य कर्मचारियों को भत्ते बढ़ाने पर कैबिनेट लेगी जल्द निर्णय
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ । प्रदेश सरकार लाखों राज्य कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के हिसाब से भत्तों का तोहफा देने की तैयारी में है। वित्त विभाग ने इससे संबंधित एक प्रस्ताव अपनी तरफ से तैयार कराया है। इसे जल्द राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग ने वृंदा स्वरूप की अध्यक्षता वाली राज्य वेतन समिति की सिफारिशों में कुछ कटौती की है। इसकी वजह प्रदेश सरकार के खजाने पर पड़ने वाले बोझ को कम करना है। कमेटी की सिफारिशें पूरी तरह लागू करने पर प्रदेश सरकार के खजाने पर करीब एक साल में पांच हजार करोड़ का खर्च आएगा। चूंकि वित्त विभाग को वित्तीय स्थिति तो देखनी ही है, साथ ही कैश फ्लो की समस्या को भी देखना है।
बताया जा रहा है कि सरकार ने जो सिफारिशें की हैं उसमें अपनी तरफ से दरों में संशोधन किया है। बताते चलें कि इस साल मार्च में कमेटी ने भत्तों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट वित्त विभाग को सौंपी है। वित्त विभाग ने इस पर अपनी तरफ से अध्ययन कर जहां उचित लगा, संशोधन किया और कैबिनेट के विचारार्थ रखेगी। वेतन समिति ने तमाम अप्रासंगिक भत्तों को खत्म करने की संस्तुति की है। समिति ने भत्तों के अलावा निगमों, स्थानीय निकायों, स्वायत्तशासी संस्थाओं को लेकर भी रिपोर्ट दी है।
इन भत्तों पर समिति ने की है सिफारिशें
एचआरए,वाहन भत्ता, यात्रा, कैश हैंडलिंग, कंप्यूटर, द्विभाषी, वर्दी, शिक्षा, पौष्टिक आहार, नगर प्रतिकर, नियत यात्रा, पोस्टमार्टम, प्रशिक्षण एलाउंस, प्रतिनियुक्ति, प्राइवेट प्रैक्टिस बंदी भत्ता, प्रोजेक्ट एलाउंस, चाइल्ड केयर लीव, अवकाश यात्रा, सचिवालय भत्ता, सामूहिक बीमा, स्नातकोत्तर भत्ता, स्वैच्छिक परिवार नियोजन भत्ता, पुलिस वर्दी ।