इलाहाबाद : शिक्षक तबादला, माध्यमिक से पिछड़ा बेसिक शिक्षा विभाग, नियम बनाकर प्रक्रिया शुरू करने में बेसिक आगे, अमल माध्यमिक में, अभी बेसिक में तबादला आदेश पर चुप्पी
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : शिक्षा महकमे के दो विभाग। दोनों के पिछले एक वर्ष से एक जैसे हालात रहे हैं। अफसरों की तैनाती, शिक्षकों के तबादले व पदोन्नति जैसे कार्य लटके रहे हैं। खास बात यह है कि पारदर्शी तरीके से शिक्षकों का तबादला करने का नियम बेसिक शिक्षा विभाग ने बनाया। लेकिन, लंबित कार्यो को पूरा करने व तबादला आदि में माध्यमिक शिक्षा विभाग आगे निकल गया है। बेसिक शिक्षा में परिषद के कार्य अब भी जहां के तहां अटके हैं। 1बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों का समायोजन, जिले के अंदर तबादला और अंत में अंतर जिला तबादले का शासनादेश बीते वर्ष 13 जून को जारी हुआ। इसी आदेश में तबादले का साफ्टवेयर तैयार करने और जिले के अंदर तीन जोन आदि का गठन किया गया। जिले के अंदर तबादले के लिए आवेदन भी लिए गए। करीब 76 हजार शिक्षकों ने दावेदारी की। वहीं, कुछ शिक्षक समायोजन के खिलाफ कोर्ट की शरण में पहुंचे और स्थगनादेश ले आए। शिक्षकों का कहना था कि शासन 30 अप्रैल की छात्र संख्या से समायोजन कर रहा है, जबकि छात्र संख्या 31 जुलाई की होनी चाहिए। इस प्रक्रिया पर रोक के बाद दिसंबर में अंतर जिला तबादले के लिए आवेदन शुरू हुए। करीब 37 हजार शिक्षकों ने दावेदारी की है और इस पर कोई रोक भी नहीं है। इसके बाद भी जिले के अंदर तबादला इसलिए निरस्त हो गए क्योंकि कोर्ट को बताया गया कि नई नीति आ रही है। वहीं, अंतर जिला तबादले का आदेश कब आएगा, कोई बताने को तैयार नहीं है। ग्रीष्मावकाश की आधी छुट्टियां बीत चुकी हैं। 1बेसिक की तर्ज पर माध्यमिक शिक्षा में शिक्षकों के जोन बनाकर तबादला आवेदन लिए गए। संयोग से उस पर भी रोक लग गई। कुछ माह पहले उससे रोक हटी, फिर नए आदेश से राजकीय कालेजों के तबादले पहली बार साफ्टवेयर के जरिए किए गए। यह प्रक्रिया पूरी होते ही अशासकीय कालेज शिक्षकों का भी स्थानांतरण आदेश जारी हो गया है। यह जरूर है कि दोनों विभागों के अहम पदों पर नियमित अफसरों की तैनाती आज तक नहीं हो सकी है। सचिव परिषद, अपर शिक्षा निदेशक बेसिक, माध्यमिक, चयन बोर्ड सचिव जैसे पद कार्यवाहक अफसर संभाल रहे हैं।