गोरखपुर : ‘ड्रॉप आउट’ बच्चों को पढ़ाने घर पहुंचे शिक्षक, सप्ताह में दो से तीन दिन ऐसे बच्चों को पढ़ाएंगे परिषदीय शिक्षक
बेहतर पहल
वंचित बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए शिक्षकों ने बनाई टीम, मुहिम का नाम दिया गया गया है एक भी बच्च छूटा, संकल्प हमारा टूटा
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा रचनात्मक शिक्षकों को एक मंच पर लाने की मुहिम धीरे-धीरे अपना रंग दिखा रही है। विभागीय प्रयासों से इतर भी कुछ अलग करने की चाह रखने वाले शिक्षकों ने वंचित बच्चों का भविष्य सुधारने का बीड़ा उठाया है। स्कूल छोड़ चुके (ड्रॉप आउट) या स्कूल तक न पहुंचने वाले बच्चों के घर शिक्षकों का यह समूह पहुंचेगा और उनमें शिक्षा की ज्योति जगाएगा। सोमवार से यह नेक शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने इस मुहिम को नाम दिया है ‘एक भी बच्चा छूटा, संकल्प हमारा टूटा।’1निजी प्रयासों से अपने-अपने विद्यालयों को बेहतर बना चुके परिषदीय शिक्षक आशुतोष सिंह, प्रदीप, विकास राय, श्वेता सिंह, दिलीप, आलेख शरण, शशिकला यादव, संगीता भाष्कर, किरन व पंकज गुप्ता सोमवार की शाम रेलवे स्टेशन के पास झुग्गियों में रहने वाले परिवारों के बीच पहुंचे। इस बस्ती में जाकर उन्होंने अभिभावकों व बच्चों से बात की। बातचीत में सामने आया कि 10 बच्चे ऐसे हैं जो कुछ फीस देकर एक निजी स्कूल में पढ़ने जाते थे लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ा। शिक्षकों ने बच्चों से बात की और उनका दाखिला कराने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही वे सप्ताह में दो से तीन दिन इस बस्ती में जाकर बच्चों को पढ़ाएंगे भी।1 शिक्षकों ने अपनी इस मुहिम को हर हाल में जारी रखने का मन बनाया है। पढ़ाने में रचनात्मकता का भरपूर इस्तेमाल करने वाले इन अध्यापकों को भरोसा है कि वे शिक्षा से वंचित इन बच्चों के जीवन में बदलाव लाने में कामयाब जरूर होंगे। पहले दिन इन बच्चों को कॉपी, कलम व किताबें दी गईं। शिक्षकों का कहना है कि उनके इस प्रयास को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का भी समर्थन है।रेलवे स्टेशन के सामने स्थित झुग्गियों में बच्चों को पढ़ाने पहुंचे परिषदीय शिक्षक ’ जागरण