देवरिया : परिषदीय विद्यालय के नौनिहालों को अभी भी पाठ्य पुस्तकों का इंतजार
परिषदीय विद्यालय के बच्चों को अभी भी पाठ्य पुस्तकों का इंतजार है। अप्रैल में ही नया सत्र शुरू हो चुका है। प्रदेश सरकार ने दावा किया था कि माह भीतर सभी बच्चों को पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करा दी जाएगी, लेकिन हकीकत यह है कि जनपद के विभागीय अधिकारियों को ही अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।...
देवरिया: परिषदीय विद्यालय के बच्चों को अभी भी पाठ्य पुस्तकों का इंतजार है। यह हाल तब है जबकि अप्रैल में ही नया सत्र शुरू हो चुका है। प्रदेश सरकार ने दावा किया था कि माह भीतर सभी बच्चों को पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करा दी जाएगी, लेकिन हकीकत यह है कि जनपद के विभागीय अधिकारियों को ही अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। निश्शुल्क पाठ्य पुस्तक योजना के अंतर्गत जिले के लगभग 2.84 लाख बच्चों को किताबें दी जानी है।
परिषदीय विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही है। सरकार की तरफ से कई प्रयास किए जाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन सच्चाई इसके उलट है। जनपद में 1877 प्राथमिक विद्यालय व 738 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इसके अलावा करीब 70 वित्तपोषित विद्यालय व मदरसे हैं। इन सभी विद्यालयों में लगभग 2.84 लाख बच्चों को पाठ्य पुस्तकें दी जानी है। अभी तक शासन से फर्म तक आवंटन नहीं हो सका है। जबकि एक अप्रैल से शैक्षिक सत्र शुरू हो चुका है। डेढ़ महीने भी बीत गए। बिना पाठ्य पुस्तकों के ही बच्चों को पढ़ाया गया। ऐसे में सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं कि जब पाठ्य पुस्तकें समय से बच्चों को उपलब्ध नहीं होंगी तो पढ़ाई कैसे होगी। 20 मई से 30 जून तक ग्रीष्मावकाश है। इस बीच पाठ्य पुस्तकों के उपलब्ध होने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन अभी तक फर्म आवंटित नहीं हो सका है। ऐसे में फर्म आवंटित होने व पाठ्य पुस्तकों को जनपद मुख्यालय तक पहुंचाने में समय लग सकता है। विभागीय लोगों का कहना है कि ई-टेंड¨रग के झमेले में देरी हो रही है। इस बाबत प्रभारी बीएसए प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अभी फर्म आवंटित नहीं हुआ है। जुलाई में पाठ्य पुस्तकों के आने की उम्मीद है।