लखनऊ : प्रदेश के शासकीय सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त होने के बावजूद भर्ती का नया विज्ञापन जारी न होने से बेरोजगारों में भारी निराशा
लखनऊ । प्रदेश के शासकीय सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त होने के बावजूद भर्ती का नया विज्ञापन जारी न होने से बेरोजगारों में भारी निराशा है। हालत यह है कि आयोग अभी वर्ष 2016 में जारी विज्ञापन के आधार पर भर्ती के लिए आगामी नवंबर माह में लिखित परीक्षा कराने की तैयारी में है।
विभागीय आकलन के मुताबिक इन कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर (प्रवक्ता) के रिक्त पदों की संख्या आठ हजार से ज्यादा हो चुकी है। माना जा रहा है कि इन सभी पदों के लिए आयोग को अधियाचन भी प्राप्त हो चुका है। अधियाचन में मिलने वाली रिक्तियों की सूचना के आधार पर भर्ती का विज्ञापन जारी होता है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद जारी होने वाली पहले विज्ञापन का बेरोजगारों को बेसब्री से इंतजार है। वर्ष 2016 के बाद आयोग ने कोई विज्ञापन ही जारी नहीं किया है। नए विज्ञापन के आधार पर वर्ष 2016 के बाद यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) परीक्षा पास करने वाले या यूजीसी के मानक के अनुसार पीएचडी करने वाले युवा भी आवेदन कर पाएंगे। आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों के रिक्त पदों को भरे जाने के बाद बेरोजगारों की उम्मीदें परवान चढ़ने लगी हैं। नए अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने पदभार संभालने के बाद आश्वस्त भी किया था कि रुकी हुई भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। फिलहाल आयोग विज्ञापन संख्या 46 से संबंधित लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का साक्षात्कार करा रहा है। इसके अलावा आयोग विज्ञापन संख्या 47 से संबंधित सभी 1150 पदों पर चयन के लिए लिखित परीक्षा नवंबर 2018 में कराने की तैयारी में है।
विज्ञापन संख्या 47 वर्ष 2016 में सपा सरकार के शासनकाल में जारी किया गया था।
' कॉलेजों में प्रवक्ता के रिक्त पदों की संख्या आठ हजार से ज्यादा
' आयोग अभी 2016 के विज्ञापन के आधार पर परीक्षा कराने की तैयारी में