सहारनपुर : नई गाइड लाइन से डीएलएड प्रवेश की राह आसान
जागरण संवाददाता, सहारनपुर : दो वर्षीय डीएलएड को जारी गाइडलाइन से कालेजों में प्रवेश की राह आसान हो जाएगी। इसमें ऑनलाइन आवेदन में गलत शैक्षिक गुणांक अंकित करने वाले अभ्यर्थियों को राहत दी गई है। मूल प्रमाणपत्रों से मिलान के बाद गुणांक ठीक करने की जिम्मेदारी डायट प्राचार्य को दी गई है। आवेदन की अंतिम तिथि के बाद जारी प्रमाणपत्र प्रवेश के लिए स्वीकार नही किए जाएंगे।1बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले परिषदीय प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए दो वर्षीय डीएलएड प्रशिक्षण अनिवार्य है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद द्वारा डीएलएड में प्रवेश के लिए गत माह आवेदन पत्र लिए गए थे। पहले आवेदन पत्र लेने की अंतिम तिथि 23 मई थी बाद में इसे बढ़ाकर 31 मई कर दिया गया था। इन दिनों तीन चरणों की ऑनलाइन काउंसिलिंग पूरी हो चुकी है। आवंटित कालेजों में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को चार जुलाई तक का समय दिया गया। प्रवेश के दौरान आ रही परेशानियों को दूर करने की दिशा में परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा नई गाइडलाइन जारी की गई है इसके अनुसार अभ्यर्थियों के शैक्षिक गुणांक के संबंध में यदि अभ्यर्थी के मूल प्रमाणपत्रों में अंकित अंकों के आधार पर वास्तविक मेरिट कम है और अभ्यर्थी द्वारा ऑनलाइन आवेदन के दौरान अधिक अंक अंकित किए गए है। ऐसे मामलों में प्राचार्य को मेरिट का गुणांक सही कराकर यदि अभ्यर्थी कट ऑफ मेरिट में आ रहा है तो प्रवेश प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है।1बाद के प्रमाणपत्र नही होंगे स्वीकार: ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि के बाद परीक्षाफल घोषित होने, आरक्षण प्रमाणपत्र आदि स्वीकार नही होंगे। केवल आवेदन की अंतिम तिथि तक इंटरनेट से प्राप्त अंकपत्र को मान्य करते हुए अभ्यर्थी से यह घोषणापत्र लेंगे कि यदि सत्यापन में कोई गड़बड़ी मिलती है तो प्रवेश निरस्त माना जायेगा। प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों को कालेजों द्वारा चार जून की शाम तक ऑनलाइन लॉक करना होगा। यदि कालेज ऐसा नही करेंगे तो काउंसलिंग के अगले चरण में रिक्त सीटों के सापेक्ष उन्हें अभ्यर्थी आवंटित नही किए जाएंगे।जागरण संवाददाता, सहारनपुर : दो वर्षीय डीएलएड को जारी गाइडलाइन से कालेजों में प्रवेश की राह आसान हो जाएगी। इसमें ऑनलाइन आवेदन में गलत शैक्षिक गुणांक अंकित करने वाले अभ्यर्थियों को राहत दी गई है। मूल प्रमाणपत्रों से मिलान के बाद गुणांक ठीक करने की जिम्मेदारी डायट प्राचार्य को दी गई है। आवेदन की अंतिम तिथि के बाद जारी प्रमाणपत्र प्रवेश के लिए स्वीकार नही किए जाएंगे।1बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले परिषदीय प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए दो वर्षीय डीएलएड प्रशिक्षण अनिवार्य है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद द्वारा डीएलएड में प्रवेश के लिए गत माह आवेदन पत्र लिए गए थे। पहले आवेदन पत्र लेने की अंतिम तिथि 23 मई थी बाद में इसे बढ़ाकर 31 मई कर दिया गया था। इन दिनों तीन चरणों की ऑनलाइन काउंसिलिंग पूरी हो चुकी है। आवंटित कालेजों में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को चार जुलाई तक का समय दिया गया। प्रवेश के दौरान आ रही परेशानियों को दूर करने की दिशा में परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा नई गाइडलाइन जारी की गई है इसके अनुसार अभ्यर्थियों के शैक्षिक गुणांक के संबंध में यदि अभ्यर्थी के मूल प्रमाणपत्रों में अंकित अंकों के आधार पर वास्तविक मेरिट कम है और अभ्यर्थी द्वारा ऑनलाइन आवेदन के दौरान अधिक अंक अंकित किए गए है। ऐसे मामलों में प्राचार्य को मेरिट का गुणांक सही कराकर यदि अभ्यर्थी कट ऑफ मेरिट में आ रहा है तो प्रवेश प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है।1बाद के प्रमाणपत्र नही होंगे स्वीकार: ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि के बाद परीक्षाफल घोषित होने, आरक्षण प्रमाणपत्र आदि स्वीकार नही होंगे। केवल आवेदन की अंतिम तिथि तक इंटरनेट से प्राप्त अंकपत्र को मान्य करते हुए अभ्यर्थी से यह घोषणापत्र लेंगे कि यदि सत्यापन में कोई गड़बड़ी मिलती है तो प्रवेश निरस्त माना जायेगा। प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों को कालेजों द्वारा चार जून की शाम तक ऑनलाइन लॉक करना होगा। यदि कालेज ऐसा नही करेंगे तो काउंसलिंग के अगले चरण में रिक्त सीटों के सापेक्ष उन्हें अभ्यर्थी आवंटित नही किए जाएंगे।परीक्षा नियामक प्राधिकारी से प्राप्त निर्देशों के बारे में प्राइवेट कालेजों को अवगत करा दिया गया है कि वे प्रवेश के दौरान उनका अनुपालन किया जाए।1राजसिंह यादव, प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पटनी।