नई दिल्ली : आज से इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया यूजीसी, केंद्र सरकार ला रही है उच्च शिक्षा आयोग
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला । बुधवार से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। केंद्र सरकार की तरफ से मानव संसाधन मंत्रालय ने यूजीसी एक्ट 1951 को समाप्त करने की घोषणा करते हुए कहा कि देश में जल्द ही इसके स्थान पर उच्च शिक्षा आयोग का गठन किया जाएगा।
61 साल पुराने यूजीसी का आस्तित्व हो जाएगा खत्म
केंद्र सरकार उच्च शिक्षा पर नजर रखने के लिए हायर एजूकेशन कमीशन ऑफ इंडिया एक्ट (HECI) को लेकर के आ रही है। केंद्र सरकार के इस कदम से 61 साल पुराना यूजीसी एक्ट खत्म हो जाएगा। सरकार ने इस बात का फैसला मार्च में लिया था।
एक अधिकारी ने कहा कि यूजीसी और एआईसीटीसी को हटाकर के एक सिंगल रेग्यूलेटर का आना सबसे क्लीन और बड़ा रिफॉर्म होगा। यूजीसी को खत्म करने के लिए यूपीए सरकार के समय गठित यशपाल समिति, हरी गौतम समिति ने सिफारिश की थी, लेकिन इसको कभी अमल में नहीं लाया गया।
मानसून सत्र में पेश होगा विधेयक
केंद्र सरकार मानसून सत्र में हायर एजुकेशन रेग्यूलेटरी काउंसिल (एचईआरसी) नाम से तैयार इस बिल को संसद में पेश करेगी। इस बिल के कानून बन जाने के बाद देश भर में उच्च शिक्षा के लिए बने आयोग और परिषद खत्म हो जाएंगे। यह देश में मौजूद सभी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के लिए एक गाइड की तरह काम करेगा। इसके साथ ही नए कोर्स के बारे में भी सभी को सुझाव भी देगा।
विश्वविद्यालयों को नहीं मिलेगा अनुदान
हालांकि इस आयोग के पास किसी भी विश्वविद्यालय या फिर तकनीकी संस्थान को अनुदान नहीं दे सकेगा। अनुदान के लिए आयोग केवल एचआरडी मंत्रालय को सिफारिश कर सकेगा।
इस ड्रॉफ्ट बिल को मानव संसाधन मंत्रालय ने तैयार किया है और पीएमओ में बारीकी से देखा गया है। इस बिल को सितंबर में होने वाले मानसून सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। हालांकि इस नए बिल में यह साफ नहीं हो पाया है राज्य सरकारों के आधीन में आने वाले विश्वविद्यालयों और बीएड कराने वाले शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान इस बिल के दायरे में आएंगे या नहीं।
बिल की यह हैं खास बातेंरेग्यूलेटर देश भर में नए संस्थान स्थापित करेगा जहां पर अच्छी क्वालिटी की उच्च शिक्षा छात्र-छात्राओं को मिलेगी। रेग्यूलेटर शोध और पढ़ाई के नए मानक तय करेगा। रेग्यूलेटर प्रत्येक वर्ष सभी विश्वविद्यालयों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों की परफॉर्मेंस का भी अध्य्यन करेगा। यूजीसी में प्रत्येक कोर्स के लिए बनी अलग-अलग कमेटी HECI के दायरे में आ जाएंगी। अगर गुणवत्ता नहीं रखी तो रेग्यूलेटर उस संस्थान में छात्रों के एडमीशन पर रोक भी लगा सकेगा। इस अथॉरिटी में 10 लोगों की नियुक्ति की जाएगी, जिसमें शिक्षा जगत के नामी व्यक्ति को चेयरमैन, दो उप चेयरपर्सन, तीन सदस्य जो कि आईआईटी/आईआईएम/आईआईएससी में पांच साल तक निदेशक रहे और तीन सदस्य ऐसे जो कि किसी राष्ट्रीय या राज्यों के विश्वविद्यालय में कुलपति रहे हों।