किताब, ड्रेस के नाम पर लुट रहे अभिभावक
जागरण संवाददाता, निचलौल, महराजगंज:पब्लिक स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली एनसीइआरटी की किताबें अभिभावकों की जेब पर डाका डाल रही हैं। स्कूलों की फीस के साथ-साथ यूनिफार्म, कापी-किताब सहित वसूली के तरह-तरह तरीकों में टेस्ट एग्जाम तक में अभिभावकों की जेब ढीली हो रही है। वहीं प्रत्येक वर्ष बदलते पब्लिशर्स से अभिभावक हर साल अपने पाल्यों के लिए किताबें खरीदने को मजबूर हैं।
तहसील क्षेत्र के सीबीएसइ स्कूलों में कक्षा 1 से 12वीं तक पढ़ने वाले लगभग सभी बच्चों के अभिभावकों को लाखों रुपये बेवजह चुकाने पड़ रहे हैं। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूलों में एनसीइआरटी की जगह निजी प्रकाशन की किताबें चलाई जाती हैं। इससे किताबें 30 से 40 फीसद महंगी हो जाती हैं। स्कूल प्रबंधन और निजी प्रकाशन के बीच कमीशन के खेल ने अभिभावकों को मुश्किल में डाल दिया है। अभिभावकों को स्कूलों से किताबों की खरीददारी करना अनिवार्य है। जबकि दुकान से खरीदारी करने पर अभिभावकों को किताब पर छपे मूल्य से 10 से 15 फीसद की छूट मिल जाती है। वहीं स्कूलों से मिलने वाली किताब पर लिखे दाम की जगह बढ़े दाम का स्टीकर चिपका कर बेचा जाता है। इतना ही नहीं ड्रेस बेल्ट टाई वगैरा भी इन स्कूलों में बकायदा दिए जाते हैं। उप जिलाधिकारी ने कहा कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी। अभिभावकों को शोषण नहीं होने दिया जाएगा।
हर स्कूल छपवाता है अपनी कापी
निचलौल,महराजगंज:कमीशन का खेल किताब के साथ-साथ कापी पर भी है। हर स्कूल अपनी कापी छपवाता है। कापी पर स्कूल के नाम के साथ-साथ लेबल भी छपा रहता है। बिना लेबल की कापी प्राइवेट स्कूलों में मान्य नहीं है ।