स्कूलों में गठित होनी चाहिए बाल शोषण निरोधक कमेटी, सभी थानों में बाल कल्याण अधिकारी की तैनाती
स्कूलों में गठित होनी चाहिए बाल शोषण निरोधक कमेटी
जागरण संवाददाता, महराजगंज : स्कूलों में बच्चों का यौन शोषण रोकने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। स्कूलों में बच्चों के यौन शोषण पर प्रभावी रोक की जिम्मेदारी दो कमेटियां निभाएंगी और स्कूल के माहौल को और बेहतर बनाएंगी। बाल यौन शोषण पर प्रभावी विराम के लिए प्रत्येक थाने में उप निरीक्षक स्तर के बाल कल्याण अधिकारी तैनात किए गए हैं और अधिकारी की सहायता के लिए महिला आरक्षी की नियुक्ति की गई है। जिले के सभी थाना क्षेत्रों में बाल यौन शोषण निरोधक कार्रवाई के पर्यवेक्षण के लिए नोडल अधिकारी भी तैनात कर दिए गए हैं।
सीबीएसई बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार प्रत्येक स्कूल में अनुशासन कमेटी व यौन शोषण कमेटी का गठन अनिवार्य है। हालांकि सीबीएसई बोर्ड की गाइड लाइन का हर स्कूल में पालन नहीं हो रहा है और न ही सभी स्कूलों में दोनों कमेटियों का गठन ही किया गया है। स्कूलों में बच्चों के साथ संभावित यौन शोषण पर काबू पाने के लिए कमेटियों के गठन की जिम्मेदारी जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की है पर दोनों ही अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है। होता तो सभी स्कूलों में बाल यौन शोषण रोकने के लिए दोनों कमेटियों का गठन हो गया होता। पुलिस अधीक्षक आरपी सिंह ने कहा कि बाल यौन शोषण पर प्रभावी विराम के लिए जिले के सभी थानों में उप निरीक्षक स्तर का एक बाल सुरक्षा अधिकारी व सहायता के लिए महिला आरक्षी की नियुक्ति की गई है। बाल यौन शोषण के मामले के पर्यवेक्षण के लिए जनपद स्तर पर पुलिस विभाग में नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है। वर्तमान समय में नोडल अधिकारी का प्रभार अपर पुलिस अधीक्षक आशुतोष शुक्ल के पास है। बाल यौन शोषण के मामले की हर माह थानावार समीक्षा की जाती है। हालांकि उनके कार्यकाल में स्कूलों में बाल यौन शोषण का एक भी मामला प्रकाश में नहीं आया है।
बाल यौन शोषण रोकने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त
स्कूलों में बच्चों का यौन शोषण रोकेगी दो कमेटी