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कौशाम्बी : फर्जी दस्तावेज पर बनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, तहसीलदार ने जांच के बाद जाति प्रमाणपत्र को बताया फर्जी

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कौशाम्बी : फर्जी दस्तावेज पर बनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, तहसीलदार ने जांच के बाद जाति प्रमाणपत्र को बताया फर्जी

जासं, कौशांबी : चायल तहसील के पन्नोई गांव की महिला फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बन गईं इसकी शिकायत के बाद जांच हुई मामले का पर्दाफाश हुआ। पता चला कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर उसे नौकरी मिली है।1पन्नोई निवासी हरिश्चंद्र पुत्र रामलखन ने डीएम को शिकायती पत्र देकर बताया था कि उनके गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में एक महिला का चयन किया गया है। महिला ने नौकरी पाने के लिए फर्जी आय, जाति व निवास प्रमाणपत्र का सहारा लिया गया है। शिकायत के बाद डीएम ने चायल तहसीलदार को इन प्रमाण पत्रों की जांच का निर्देश दिया। तहसीलदार चायल ने शुक्रवार को रिपोर्ट डीएम को भेजी है। जांच आय, जाति व निवास प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है। प्रमाणपत्रों में नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर फर्जी हैं। बताया कि जिस आय प्रमाणपत्र को प्रस्तुत किया गया है। वह बेनीराम कटरा के दिनेश कुमार के नाम से निर्गत था और उसी संख्या पर महिला ने फर्जी तरीके से अपने नाम से बनवा लिया। वहीं जो जाति प्रमाणपत्र भरवारी निवासी शशि नारायण के नाम से जारी हुआ है उसकी संख्या का प्रमाण महिला अपने नाम का फर्जी बनवाकर लगा दिया।जासं, कौशांबी : चायल तहसील के पन्नोई गांव की महिला फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बन गईं इसकी शिकायत के बाद जांच हुई मामले का पर्दाफाश हुआ। पता चला कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर उसे नौकरी मिली है।1पन्नोई निवासी हरिश्चंद्र पुत्र रामलखन ने डीएम को शिकायती पत्र देकर बताया था कि उनके गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में एक महिला का चयन किया गया है। महिला ने नौकरी पाने के लिए फर्जी आय, जाति व निवास प्रमाणपत्र का सहारा लिया गया है। शिकायत के बाद डीएम ने चायल तहसीलदार को इन प्रमाण पत्रों की जांच का निर्देश दिया। तहसीलदार चायल ने शुक्रवार को रिपोर्ट डीएम को भेजी है। जांच आय, जाति व निवास प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है। प्रमाणपत्रों में नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर फर्जी हैं। बताया कि जिस आय प्रमाणपत्र को प्रस्तुत किया गया है। वह बेनीराम कटरा के दिनेश कुमार के नाम से निर्गत था और उसी संख्या पर महिला ने फर्जी तरीके से अपने नाम से बनवा लिया। वहीं जो जाति प्रमाणपत्र भरवारी निवासी शशि नारायण के नाम से जारी हुआ है उसकी संख्या का प्रमाण महिला अपने नाम का फर्जी बनवाकर लगा दिया।

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