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इलाहाबाद : 104 चयनित शिक्षकों को छह साल से तैनाती का इंतजार

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इलाहाबाद : 104 चयनित शिक्षकों को छह साल से तैनाती का इंतजार

हिन्दुस्तान टीम, इलाहाबाद । सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में चयनित शिक्षक तैनाती के लिए सालों से इंतजार कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने अगस्त 2012 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को टीजीटी 2010 का परिणाम संशोधित करके चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया था। लेकिन संशोधित परिणाम में सफल 104 अभ्यर्थियों को अब तक तैनाती नहीं मिल सकी है।
टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक) 2010 भर्ती के लिए 13 फरवरी 2011 को लिखित परीक्षा हुई थी। अगस्त 2011 में साक्षात्कार हुआ। इसके अंतिम परिणाम से असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने परीक्षा में गलत प्रश्न पूछे जाने को लेकर हाईकोर्ट में 2012 में याचिका दायर कर दी थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर चयन बोर्ड ने मई 2012 को विवादित प्रश्नों पर विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट प्रस्तुत की।विषय विशेषज्ञों के दिये गये उत्तरों के आधार पर 24 अगस्त 2012 को संशोधित परिणाम जारी करने का आदेश दिया था। चयन बोर्ड ने 3 फरवरी 2014 को संशोधित परिणाम जारी किया। संशोधित परिणाम जारी होने के बाद गलत प्रश्नों के आधार पर पूर्व में चयनित और कार्यरत शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका कर दी ताकि उन्हें बाहर न कर दिया जाए। इसके बाद से मामला कानूनी अड़चन में फंसा रहा। इस बीच 11 नवंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने टीजीटी 2009 के एक ऐसे ही मामले में पूर्व में नियुक्त शिक्षकों को बाहर किए बगैर संशोधित परिणाम में चयनित शिक्षकों को सुपर न्यूमरेरी कोटे के तहत दो सप्ताह में नियुक्ति देने के आदेश दिये थे। इस आदेश को आधार बनाकर टीजीटी 2010 के अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में फिर से अपील की।जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 23 फरवरी 2018 को टीजीटी 2010 में भी सुपर न्यूमरेरी कोटे के तहत चयनित शिक्षकों को तीन महीने में तैनाती देने का आदेश दिया था। लेकिन चार महीने का समय बीतने के बावजूद हिन्दी के 45, संस्कृत 20, कला 22 व बायो के सात चयनित शिक्षकों को अब तक तैनाती नहीं मिल सकी है।इनका कहना हैहाईकोर्ट के आदेश पर टीजीटी 2010 के चार विषयों के चयनित शिक्षकों को तैनाती देने पर काम चल रहा है। जल्द ही तैनाती दी जाएगी।दिव्यकान्त शुक्ला, सचिव माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड

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