इलाहाबाद : नौ तक डीएलएड कालेजों में प्रवेश ले सकेंगे, छह जुलाई तक आवंटन पत्र हासिल करने का दिया गया मौका, प्रवेश का दूसरा चरण 12 से शुरू करेंगी परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद । डीएलएड (पूर्व बीटीसी) में प्रवेश की अंतिम तारीख बढ़ गई है। जिन अभ्यर्थियों ने बुधवार शाम तक आवंटित कालेजों में प्रवेश नहीं लिया है, वे अब नौ जुलाई तक प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया है।
डीएलएड कालेजों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग की प्रक्रिया 14 जून से शुरू हुई थी। पहले चरण के तीन फेज में पसंदीदा कालेज लॉक करने वाले अभ्यर्थियों को चार जुलाई की शाम पांच बजे तक प्रवेश का मौका दिया गया था। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने बताया कि इस दौरान तमाम अभ्यर्थी तय समय में दस हजार रुपये जमा करके आवंटन पत्र हासिल नहीं कर सके जिससे उनका प्रवेश कार्य पूरा नहीं हो सका है।
इन अभ्यर्थियों ने प्रवेश की समय सीमा बढ़ाने की मांग की। इस पर सचिव ने निर्देश दिया है कि अभ्यर्थी अब छह जुलाई को शाम छह बजे तक आवंटित प्रशिक्षण संस्था का आवंटन पत्र भुगतान करके प्राप्त कर लें। संबंधित संस्थान में अभिलेखों की जांच कराकर प्रवेश की कार्यवाही पूरी करने की अंतिम तारीख नौ जुलाई शाम पांच बजे तक निर्धारित की गई है। इसके बाद अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा। उन्होंने डायट प्राचार्यो को निर्देश दिया है कि प्रवेश लेने वाले और रिक्त सीटों की स्थिति नौ जुलाई को ही रात आठ बजे तक वेबसाइट पर स्पष्ट कर दें।
सचिव ने बताया कि प्रवेश का दूसरा चरण 12 जुलाई से शुरू होगा, ताकि सारी सीटों को भरा जा सके। ज्ञात हो कि इस बार सीटों की संख्या दो लाख तीस हजार से अधिक है, जबकि पहले चरण में एक लाख 36 हजार से अधिक को कालेज आवंटित हुआ है। सचिव ने यह भी बताया कि प्रशिक्षण सत्र पांच जुलाई से ही शुरू होगा।
आवेदन की अंतिम तारीख तक इंटरनेट के अंकपत्र मान्य
डीएलएड 2018 के लिए इस बार 31 मई तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। कुछ कालेजों का स्नातक का परिणाम 31 मई को ही जारी हुआ है, ऐसे में उन अभ्यर्थियों का प्रवेश मान्य होगा या नहीं इस संबंध में कई डायट प्राचार्यो ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव से परामर्श मांगा है। इस पर सचिव ने स्पष्ट किया है कि आवेदन की अंतिम तारीख तक इंटरनेट से प्राप्त आवेदन पत्र मान्य है। बशर्ते अभ्यर्थियों को यह लिखकर देना होगा कि भविष्य में यदि अंकपत्र में विसंगति होती है तो उनका अभ्यर्थन निरस्त समझा जाएगा।