हरदोई : मिडडे मील के पौने 13 करोड़ का नहीं हिसाब, लोक लेखा समिति पहुंचा मामला, निदेशक ने लिखा पत्र
जागरण संवाददाता, हरदोई: परिषदीय विद्यालयों में बच्चों के मिड-डे मील को भेजी गई परिवर्तन लागत के 12 करोड़ 72 लाख का हिसाब नहीं मिल रहा है। वर्ष 2009-10 की धनराशि ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराई गई थी। पांच साल बाद भी इसका कोई उपभोग नहीं मिला और न ही अधिकारियों ने कोई कदम उठाया। आडिट में मामला फंसने के बाद अब यह लोक लेखा समिति तक पहुंच गया है। मध्यांहन भोजन निदेशक ने जिलाधिकारी को पत्र जारी किया और डीएम ने बीएसए को पूरे मामले में आवश्यक कार्रवाई का आदेश दिया है।1मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की तरफ से हर वर्ष धनराशि उपलब्ध कराई जाती है और उसके उपभोग प्रमाण पत्र मांगे जाते हैं। उसी के आधार पर समायोजन होता है। हर वर्ष होने वाले आडिट में कुल धनराशि और उसके सापेक्ष जमा उपभोग प्रमाण पत्रों की जांच होती है। वैसे अन्य वर्षों का तो सामान्य रूप से चल रहा है लेकिन वर्ष 2009-10 का मामला अभी तक फंसा चल रहा है। मध्यांहन भोजन प्राधिकरण के निदेशक अब्दुल समद ने जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में बताया कि 2009-10 में कुल 15 करोड़ 20 लाख धनराशि ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराई गई थी। इस परिवर्तन लागत को उपभोग प्रमाण पत्र के प्रारंभिक अवशेष में वास्तविक अवशेष के 15 करोड़ 20 लाख के स्थान पर दो करोड़ 48 लाख ही दर्शाया गया है। जबकि शेष धनराशि के ग्राम पंचायतों से उपभोग नहीं मिले हैं। आडिट में सामने आई बात पर निदेशक ने पत्र में बताया कि जुलाई 2011, नवंबर 2013 में प्रधानों से बकाया खाद्यान की वसूली का आदेश दिया गया था लेकिन हरदोई ने धनराशि के लिए कोई कदम नहीं उठाया और न ही अधिकारियों ने कोई ध्यान दिया। आडिट में आपत्ति फंसी है और उसका निस्तारण न होने पर अब यह लोक लेखा समिति के सामने मामला प्रस्तुत किया गया। निदेशक ने बताया कि 11 जून को आयोजित हुई लोक लेखा समिति की बैठक में आख्या, की गई कार्रवाई और वसूली गई राशि का पूरा विवरण अगली बैठक में उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। निदेशक के पत्र पर जिलाधिकारी पुलकित खरे ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई के लिए आदेशित किया है। प्रभारी बीएसए आरपी त्रिपाठी ने बताया कि पूरी जानकारी ली जा रही है और अभिलेखों के आधार पर आगे की कार्रवाई करते हुआ आख्या भेजी जाएगी। 1तीन दिन में सूचना उपलब्ध कराएं1हरदोई : डीएम ने निर्देश दिए हैं कि अपर मुख्य सचिव के निर्देशानुसार प्रत्येक शासकीय कार्यालय में संबंधित कार्यालयाध्यक्ष द्वारा ई-आफिस मास्टर डेटा बेस ईएमडी नामित किया जाना है, क्योंकि संबंधित विभाग-कार्यालय से शासकीय अधिकारी व कर्मचारी ही होंगे। उन्होंने कहा कि जनपद स्तरीय कार्यालय में ई-आफिस प्रणाली लागू किए जाने के लिए ईएमडी से संबंधित कार्यकलाप और उसके उत्तरदायित्व सुलभ संदर्भ हेतु अपने कार्यालय में किसी एक अधिकारी-कर्मचारी को ईएमडी नामित कर सूचना दिए गए प्रारूप पर तीन दिन के अंदर जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी को उपलब्ध कराएं।जागरण संवाददाता, हरदोई: परिषदीय विद्यालयों में बच्चों के मिड-डे मील को भेजी गई परिवर्तन लागत के 12 करोड़ 72 लाख का हिसाब नहीं मिल रहा है। वर्ष 2009-10 की धनराशि ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराई गई थी। पांच साल बाद भी इसका कोई उपभोग नहीं मिला और न ही अधिकारियों ने कोई कदम उठाया। आडिट में मामला फंसने के बाद अब यह लोक लेखा समिति तक पहुंच गया है। मध्यांहन भोजन निदेशक ने जिलाधिकारी को पत्र जारी किया और डीएम ने बीएसए को पूरे मामले में आवश्यक कार्रवाई का आदेश दिया है।1मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की तरफ से हर वर्ष धनराशि उपलब्ध कराई जाती है और उसके उपभोग प्रमाण पत्र मांगे जाते हैं। उसी के आधार पर समायोजन होता है। हर वर्ष होने वाले आडिट में कुल धनराशि और उसके सापेक्ष जमा उपभोग प्रमाण पत्रों की जांच होती है। वैसे अन्य वर्षों का तो सामान्य रूप से चल रहा है लेकिन वर्ष 2009-10 का मामला अभी तक फंसा चल रहा है। मध्यांहन भोजन प्राधिकरण के निदेशक अब्दुल समद ने जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में बताया कि 2009-10 में कुल 15 करोड़ 20 लाख धनराशि ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराई गई थी। इस परिवर्तन लागत को उपभोग प्रमाण पत्र के प्रारंभिक अवशेष में वास्तविक अवशेष के 15 करोड़ 20 लाख के स्थान पर दो करोड़ 48 लाख ही दर्शाया गया है। जबकि शेष धनराशि के ग्राम पंचायतों से उपभोग नहीं मिले हैं। आडिट में सामने आई बात पर निदेशक ने पत्र में बताया कि जुलाई 2011, नवंबर 2013 में प्रधानों से बकाया खाद्यान की वसूली का आदेश दिया गया था लेकिन हरदोई ने धनराशि के लिए कोई कदम नहीं उठाया और न ही अधिकारियों ने कोई ध्यान दिया। आडिट में आपत्ति फंसी है और उसका निस्तारण न होने पर अब यह लोक लेखा समिति के सामने मामला प्रस्तुत किया गया। निदेशक ने बताया कि 11 जून को आयोजित हुई लोक लेखा समिति की बैठक में आख्या, की गई कार्रवाई और वसूली गई राशि का पूरा विवरण अगली बैठक में उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। निदेशक के पत्र पर जिलाधिकारी पुलकित खरे ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई के लिए आदेशित किया है। प्रभारी बीएसए आरपी त्रिपाठी ने बताया कि पूरी जानकारी ली जा रही है और अभिलेखों के आधार पर आगे की कार्रवाई करते हुआ आख्या भेजी जाएगी। 1तीन दिन में सूचना उपलब्ध कराएं1हरदोई : डीएम ने निर्देश दिए हैं कि अपर मुख्य सचिव के निर्देशानुसार प्रत्येक शासकीय कार्यालय में संबंधित कार्यालयाध्यक्ष द्वारा ई-आफिस मास्टर डेटा बेस ईएमडी नामित किया जाना है, क्योंकि संबंधित विभाग-कार्यालय से शासकीय अधिकारी व कर्मचारी ही होंगे। उन्होंने कहा कि जनपद स्तरीय कार्यालय में ई-आफिस प्रणाली लागू किए जाने के लिए ईएमडी से संबंधित कार्यकलाप और उसके उत्तरदायित्व सुलभ संदर्भ हेतु अपने कार्यालय में किसी एक अधिकारी-कर्मचारी को ईएमडी नामित कर सूचना दिए गए प्रारूप पर तीन दिन के अंदर जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी को उपलब्ध कराएं।