प्रतापगढ़ : कान्वेंट स्कूल की तर्ज पर चयनित 132 माडल प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक नहीं मिल सके
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : कान्वेंट स्कूल की तर्ज पर चयनित 132 माडल प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक नहीं मिल सके। बीएसए द्वारा निर्धारित समय सीमा भी शुक्रवार को बीत गई। इसके लिए कुल 350 शिक्षकों ने आवेदन किया है, जबकि 409 शिक्षकों की जरूरत थी। 1जिले के 132 स्कूलों को कान्वेंट की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने के लिए चयनित किया गया था। इनमें से 25 विद्यालय ऐसे थे, जिन्हें शिक्षकों के अभाव में संचालित नहीं किया जा सका था। इसके पूर्व 290 शिक्षकों की नियुक्ति अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने के लिए की जा चुकी थी। इनसे 107 स्कूलों को तो संचालित कर दिया गया है, लेकिन 25 स्कूल ऐसे हैं, जिनका संचालन अभी तक नहीं हो सका था। बेसिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2015 में जिले के दो विद्यालयों प्राइमरी स्कूल राजगढ़ व प्राइमरी स्कूल डोमीपुर भुआलपुर को मॉडल प्राइमरी स्कूल बनाकर अंग्रेजी माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने की शुरुआत की थी। इन विद्यालयों के खुलने के अच्छे परिणाम आने पर इस साल से जिले के सभी ब्लाकों में आठ-आठ स्कूलों को चिह्नित कर उनमें अंग्रेजी माध्यम से चलाने का निर्णय लिया। जिले के कुल 132 स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई का निर्णय लेते हुए शिक्षकों की तैनाती के लिए प्रक्रिया शुरू की गई। अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने के लिए कुल 290 शिक्षकों ने आवेदन किया। इन सभी का टेस्ट लेकर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में नियुक्त कर दिया गया। 25 ऐसे विद्यालय रहे जिनका संचालन शिक्षकों के अभाव में नहीं हो सका। दैनिक जागरण ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया तो इस खबर को सांसद कुंवर हरिवंश सिंह ने बीते दिनों विकास भवन में प्रभारी मंत्री स्वाती सिंह के समक्ष उठाया।जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : कान्वेंट स्कूल की तर्ज पर चयनित 132 माडल प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक नहीं मिल सके। बीएसए द्वारा निर्धारित समय सीमा भी शुक्रवार को बीत गई। इसके लिए कुल 350 शिक्षकों ने आवेदन किया है, जबकि 409 शिक्षकों की जरूरत थी। 1जिले के 132 स्कूलों को कान्वेंट की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने के लिए चयनित किया गया था। इनमें से 25 विद्यालय ऐसे थे, जिन्हें शिक्षकों के अभाव में संचालित नहीं किया जा सका था। इसके पूर्व 290 शिक्षकों की नियुक्ति अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने के लिए की जा चुकी थी। इनसे 107 स्कूलों को तो संचालित कर दिया गया है, लेकिन 25 स्कूल ऐसे हैं, जिनका संचालन अभी तक नहीं हो सका था। बेसिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2015 में जिले के दो विद्यालयों प्राइमरी स्कूल राजगढ़ व प्राइमरी स्कूल डोमीपुर भुआलपुर को मॉडल प्राइमरी स्कूल बनाकर अंग्रेजी माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने की शुरुआत की थी। इन विद्यालयों के खुलने के अच्छे परिणाम आने पर इस साल से जिले के सभी ब्लाकों में आठ-आठ स्कूलों को चिह्नित कर उनमें अंग्रेजी माध्यम से चलाने का निर्णय लिया। जिले के कुल 132 स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई का निर्णय लेते हुए शिक्षकों की तैनाती के लिए प्रक्रिया शुरू की गई। अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने के लिए कुल 290 शिक्षकों ने आवेदन किया। इन सभी का टेस्ट लेकर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में नियुक्त कर दिया गया। 25 ऐसे विद्यालय रहे जिनका संचालन शिक्षकों के अभाव में नहीं हो सका। दैनिक जागरण ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया तो इस खबर को सांसद कुंवर हरिवंश सिंह ने बीते दिनों विकास भवन में प्रभारी मंत्री स्वाती सिंह के समक्ष उठाया।