एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर बहराइच श्रावस्ती मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

रायबरेली : पहले दिन ही 200 स्कूलों के नहीं खुले ताले, शिक्षामित्र के भरोसे इंग्लिश मीडियम स्कूल

0 comments

रायबरेली : पहले दिन ही 200 स्कूलों के नहीं खुले ताले, शिक्षामित्र के भरोसे इंग्लिश मीडियम स्कूल

रायबरेली। ग्रीष्मावकाश के बाद सोमवार को खुले परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था बेपटरी रही। जिले के 2800 परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत लगभग सवा दो लाख बच्चों में महज 25 फीसदी ही उपस्थिति रही। स्कूलों में कहीं-कहीं तो बच्चों की उपस्थिति दहाई का अंक पार नहीं कर सकी। सत्र के पहले दिन ही 200 स्कूलों के ताले नहीं खुले। विभागीय अफसरों ने निरीक्षण के नाम पर खानापूरी की। खंड शिक्षा अधिकारी खुद सक्रिय रहने के बजाय एबीआरसी और एनपीआरसी के भरोसे बैठे रहे। सोमवार को निरीक्षण तो 581 स्कूलों का हुआ, जिसमें 16 शिक्षक, दो शिक्षामित्र गैरहाजिर मिले। नामांकित 55957 बच्चों में 14525 बच्चे उपस्थित पाए गए। इस दौरान करीब 500 स्कूलों में एमडीएम नहीं बना, जिससे बच्चों को भूखे पेट ही लौटना पड़ा।
गर्मी की छुट्टी के बाद खुले परिषदीय स्कूलों में पहले दिन ही शिक्षा व्यवस्था बदहाल रही। निरीक्षण से इतर पूरे जिले की स्थिति देखें तो करीब 200 स्कूलों के ताले तक नहीं खुले। जो स्कूल खुले भी, वहां बच्चों की उपस्थिति बहुत ही कम रही। स्टाफ ने भी उपस्थिति के नाम पर खानापूरी की। लगभग 500 स्कूलों में एमडीएम न बनने का अनुमान लगाया जा रहा है। स्कूलों में कई जगह रसोइये नहीं थे तो कहीं राशन नहीं मिल पाया। इससे बच्चों को भोजन नहीं मिला और वे भूखे लौटे। किताबें और यूनिफार्म बांटने के नाम पर गिने-चुने स्कूलों में वितरण कार्य हुआ। बीएसए पीएन सिंह लखनऊ मीटिंग में गए थे।

प्रभारी बीएसए वीरेंद्र कुमार कनौजिया ने बताया कि स्कूलों में पहले दिन बच्चों की उपस्थिति बहुत कम रही। उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कई स्कूलों में छुट्टा पशुओं के टहलने की समस्या नजर आई, जिस पर वहां के स्टाफ को ध्यान रखने के लिए कहा गया है। लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

प्रधानाध्यापक देर से आए स्कूल, मगर चाभी घर में भूले

ऊंचाहार ब्लॉक क्षेत्र के कोटिया चित्रा स्थित प्राथमिक विद्यालय रैयापुर में सुबह 8.35 बजे सहायक अध्यापक वैभव श्रीवास्तव पहुंच चुके थे, परंतु प्रधानाध्यापक पुष्पराज सिंह का पता नहीं था। बताया गया कि हेडमास्टर किताबें लेने बीआरसी गए हैं। कमरों में ताला लगा था। हर तरफ गंदगी थी। प्रधानाध्यापक विद्यालय पहुंचे तो हाथ खाली थे। चाभियां अपने घर में भूल आए थे। बच्चों की उपस्थिति एक भी नहीं थी।

चाभी लेकर गोरखपुर से चले हेडमास्टर

शिवगढ़ विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बदावर में ताला नहीं खुल सका, क्योंकि यहां तैनात हेडमास्टर गोरखपुर से लौटे नहीं थे। सुबह 8.30 बजे विद्यालय के बाहर शिक्षामित्र सूर्यभान सिंह खड़े होकर चाभी का इंतजार कर रहे थे। सूर्यभान ने बताया कि प्रधानाध्यापक उमेश कुमार गोरखपुर के रहने वाले हैं, अभी तक आए नहीं हैं। सहायक अध्यापक ममता ग्रोवर और शिक्षामित्र शैल कुमारी भी नहीं पहुंची थीं।

देर से खुला विद्यालय, बाहर टहलते रहे बच्चे

डलमऊ विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पखरामऊ में देर से ताला खुला, क्योंकि चाभी समय से नहीं मिल पाई। करीब 8.15 बजे प्रधानाध्यापक सज्जन पाल पहुंचे और चाभी मंगवाई गई, तब स्कूल खुला। इस बीच 72 बच्चों के सापेक्ष उपस्थित हुए 21 बच्चे बाहर टहलते रहे। शिक्षामित्र शैलेंद्री शुक्ला भी आई। पुस्तकें मंगाई जा रही हैं। ड्रेस की व्यवस्था नहीं हो पाई है।

शिक्षामित्र के भरोसे इंग्लिश मीडियम स्कूल

नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय गोरा बाजार को अंग्रेजी माध्यम से संचालित किया जा रहा है, लेकिन यहां नामांकित 85 बच्चों को पढ़ाने के लिए महज एक शिक्षामित्र गायत्री यादव हैं। यहां कोई शिक्षक नहीं है। सोमवार को महज आठ बच्चे ही उपस्थित हुए। शिक्षामित्र ने कार्यालय का काम निपटाने के बाद आधे घंटे की क्लास लगाई और बच्चों को हिंदी वर्णमाला सिखाई। बाकी समय बच्चे खेलते-कूदते नजर आए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।