आगरा : दूर-दराज के स्कूलों के शिक्षकों की बन रही कुंडली, जिले में 250 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं बिना स्कूल जाए पा रहे वेतन
गड़बड़ी
जागरण संवाददाता, आगरा: जिले में दूर-दराज इलाकों में स्थित परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षक, शिक्षिकाओं की कुंडली तैयार हो रही है। वे वर्तमान में कहां रह रहे हैं, कहां से ड्यूटी करने आते हैं। स्कूल आते हैं या और कोई उनकी हाजिरी लगा रहा है। इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। क्योंकि इनमें तमाम शिक्षक ऐसे हैं, जो नोएडा, दिल्ली, गाजियाबाद, गुड़गांव आदि शहरों में रहते हैं। वे स्कूल आते भी नहीं हैं, फिर भी बाबुओं से सेटिंग कर पूरा वेतन पा रहे हैं। विभाग अब इन पर शिकंजा कसने की तैयारी में जुटा है। 1बाह, पिनाहट, जगनेर, फतेहपुर सीकरी, अछनेरा विकास खंड के गांवों में स्थित परिषदीय स्कूल जिला मुख्यालय से 60 से 80 किमी दूरी तक हैं। इस कारण बीएसए इन स्कूलों तक नहीं पहुंच पाते हैं। ये स्कूल पूरी तरह से खंड शिक्षा अधिकारियों के हवाले हैं। जिला मुख्यालय के नजदीक स्थित परिषदीय स्कूलों का तो बीएसए और अन्य अफसर निरीक्षण करते रहते हैं, लेकिन दूरदराज के स्कूलों में जाने से परहेज करते हैं। इधर, तमाम शिक्षक ऐसे हैं, वे भले ही दूसरे जिलों में रहते हैं, लेकिन उन्होंने तैनाती दूरदराज के स्कूलों में करा रखी है। इसके पीछे एक खास कारण भी है। तमाम शिक्षकों ने हेडमास्टर और विकास खंड के बिल बाबुओं से सेटिंग कर रखी है। इसी का नतीजा है कि बिना स्कूल जाए, उनकी हाजिरी लगती रहती है। वेतन भी निकलता है। इसके एवज में संबंधित शिक्षक को बाबू, हेड मास्टर को सेवा शुल्क देना होता है। इस कारस्तानी को विभाग के लोग एमएसटी कहते हैं। पैसा दीजिए और स्कूल न आइये। जिले में करीब 250 एमएसटी हैं। इसमें सर्वाधिक शिक्षिकाएं हैं। लेकिन अब इस कारस्तानी पर बीएसए की टेड़ी नजर हो गई है। उन्होंने एमएसटी व्यवस्था से शिक्षक, बाबू, हेड मास्टरों की कुंडली बनाना शुरू कर दिया है। ताकि इन पर कार्रवाई की जा सके।..तो इसलिए दूरदराज के ब्लॉक चाहते हैं बीईओ1दूरदराज के इलाकों के विकास खंडों का खंड शिक्षा अधिकारी चार्ज चाहते हैं, भले ही उन्हें प्रतिदिन दूर तक जाना पड़े। क्योंकि उन्हीं इलाकों में एमएसटी चलती है। जानकारों का कहना है कि एमएसटी व्यवस्था से लाखों रुपये की कमाई हो रही है। लेकिन हकदार बच्चों को शिक्षा नहीं मिल रही।