कौशाम्बी : कस्तूरबा विद्यालयों की जांच करेंगे मजिस्ट्रेट, हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन सक्रिय 27 जुलाई तक जांच पूरी कर देनी होगी रिपोर्ट
जासं, कौशांबी : कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की दशा दयनीय है। इसको लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य परियोजना निदेशक को प्रदेश भर के विद्यालयों की जांच करने के बाद रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। इस पर राज्य परियोजना निदेशक ने डीएम को पत्र भेजकर सभी विद्यालयों को जांच एसडीएम से कराते हुए 27 जुलाई तक जवाब देने को कहा है।1प्रत्येक कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का वार्षिक बजट करीब 47 लाख प्रति वर्ष का है। जिले में आठ कस्तूरबा विद्यालय हैं। इसलिए इन विद्यालयों के लिए हर साल कौशांबी में 3.76 करोड़ रुपये आता है। इस बजट से एक विद्यालय में पढ़ने वाली 100 छात्रओं को साल भर तक बेहतर शिक्षा व आवासीय सुविधा देने का प्रावधान है। लेकिन जिम्मेदारों ने खेल करते हुए इस बजट का बंदरबंट कर लिया है। इसका परिणाम रहा कि विद्यालय की स्थित लगातार खराब होती जा रही है। जिले का लगभग हर विद्यालय में सुविधाओं का टोटा है। 1यहां के शौचालय के दरवाजे गायब हैं तो बालिकाओं के लिए कुछ विद्यालय में शुद्ध पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है। करीब छह माह पहले सीडीओ के निर्देश पर जिले के हर विद्यालय की जांच हुई तो वहां पढ़ने वाली छात्रओं के पास गद्दे तक नहीं थे। 1जिले के अधिकांश विद्यालय की छात्रओं ने तो विद्यालय ही छोड़ दिया था। अब इन विद्यालयों की जांच का निर्देश हाईकोर्ट ने दिया है। राज्य परियोजना निदेशक डा. वेदपति मिश्र ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर जिले के आठों कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की जांच करने को कहा है। उन्होंने अपने पत्र में साफ किया है कि यह जांच एसडीएम करेंगे। 27 जुलाई तक पूरी करते हुए उनको उपलब्ध करा दें।1इन ¨बदुओं की होगी जांच : डीएम को भेजे पत्र में राज्य परियोजना निदेशक ने कहा है कि एसडीएम भोजन, आवास की स्थित, रहने की व्यवस्था, शौचालय, छात्रओं को मिलने वाली अन्य सुविधा की जांच की बात कही है। उन्होंने कहा है कि विद्यालय में मेन्यू का पालन हो रहा है कि नहीं इस बात की जांच प्रमुखता से होना है।जासं, कौशांबी : कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की दशा दयनीय है। इसको लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य परियोजना निदेशक को प्रदेश भर के विद्यालयों की जांच करने के बाद रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। इस पर राज्य परियोजना निदेशक ने डीएम को पत्र भेजकर सभी विद्यालयों को जांच एसडीएम से कराते हुए 27 जुलाई तक जवाब देने को कहा है।1प्रत्येक कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का वार्षिक बजट करीब 47 लाख प्रति वर्ष का है। जिले में आठ कस्तूरबा विद्यालय हैं। इसलिए इन विद्यालयों के लिए हर साल कौशांबी में 3.76 करोड़ रुपये आता है। इस बजट से एक विद्यालय में पढ़ने वाली 100 छात्रओं को साल भर तक बेहतर शिक्षा व आवासीय सुविधा देने का प्रावधान है। लेकिन जिम्मेदारों ने खेल करते हुए इस बजट का बंदरबंट कर लिया है। इसका परिणाम रहा कि विद्यालय की स्थित लगातार खराब होती जा रही है। जिले का लगभग हर विद्यालय में सुविधाओं का टोटा है। 1यहां के शौचालय के दरवाजे गायब हैं तो बालिकाओं के लिए कुछ विद्यालय में शुद्ध पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है। करीब छह माह पहले सीडीओ के निर्देश पर जिले के हर विद्यालय की जांच हुई तो वहां पढ़ने वाली छात्रओं के पास गद्दे तक नहीं थे। 1जिले के अधिकांश विद्यालय की छात्रओं ने तो विद्यालय ही छोड़ दिया था। अब इन विद्यालयों की जांच का निर्देश हाईकोर्ट ने दिया है। राज्य परियोजना निदेशक डा. वेदपति मिश्र ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर जिले के आठों कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की जांच करने को कहा है। उन्होंने अपने पत्र में साफ किया है कि यह जांच एसडीएम करेंगे। 27 जुलाई तक पूरी करते हुए उनको उपलब्ध करा दें।1इन ¨बदुओं की होगी जांच : डीएम को भेजे पत्र में राज्य परियोजना निदेशक ने कहा है कि एसडीएम भोजन, आवास की स्थित, रहने की व्यवस्था, शौचालय, छात्रओं को मिलने वाली अन्य सुविधा की जांच की बात कही है। उन्होंने कहा है कि विद्यालय में मेन्यू का पालन हो रहा है कि नहीं इस बात की जांच प्रमुखता से होना है।मंझनपुर का कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयआरती यादव की याचिका पर होगी जांच1ऐटा के एक कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में वार्डन के पद में तैनात रही आरती यादव ने कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने न्यायालय को बताया था कि पूरे प्रदेश में इन विद्यालयों की स्थित दयनीय है। इसको लेकर जिम्मेदार लापरवाही कर रहे है। उनकी याचिका पर न्यायालय ने पूरे प्रदेश के कस्तूरबा विद्यालयों की जांच का निर्देश दिया है। इसके बाद से पूरे प्रदेश में विद्यालयों की जांच शुरू हो गई है।