इलाहाबाद : 28 जिलों के 803 प्रशिक्षुओं की मौलिक नियुक्ति नहीं
राज्य ब्यूरो’ इलाहाबाद । बेसिक शिक्षा महकमे में फर्जी तरीके से चयनित मलाई काट रहे हैं। वहीं 803 ऐसे प्रशिक्षु शिक्षक भी हैं, जो सारी प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं लेकिन, 11 महीने में भी उन्हें मौलिक नियुक्ति नहीं मिल सकी है। नियमानुसार यह कार्य प्रशिक्षण परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद विभाग सामान्य निर्देश से करता रहा है। ताज्जुब यह है कि बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय ने इस कार्य के लिए कई बार प्रस्ताव भेजा है लेकिन, अब तक नियुक्ति करने का आदेश नहीं मिला है। 1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 72825 भर्ती के तहत नवम चक्र में प्रदेश के 28 जिलों के 803 अभ्यर्थियों का 2016 में चयन हुआ। 2011 के तहत चयनित अभ्यर्थियों को विद्यालयों में तैनाती देकर प्रशिक्षित किया गया। छह माह का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव इलाहाबाद ने उनकी प्रशिक्षण परीक्षा कराई। 30 अगस्त, 2017 को अभ्यर्थियों ने इसे उत्तीर्ण किया। नियमानुसार इस प्रक्रिया के बाद उनकी मौलिक नियुक्ति हो जानी चाहिए लेकिन, शासन ने अब तक सहमति नहीं दी है। ज्ञात हो कि मौलिक नियुक्ति के संबंध में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रशिक्षण परीक्षा का रिजल्ट आते ही निर्देश जारी कर देते थे। इन प्रशिक्षुओं के संबंध में वह प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।1वजह यह थी कि 23 मार्च 2017 को शासन ने गतिमान सभी भर्तियों पर रोक लगा दी थी। इसीलिए परिषद ने पहले सात सितंबर फिर 10 अक्टूबर 2017 और 30 जनवरी 2018 को शासन को नियुक्ति देने के लिए प्रस्ताव भेजा। शासन ने इन पत्रों का संज्ञान तक नहीं लिया। उधर, प्रशिक्षु परिषद मुख्यालय के सामने महीनों धरना व बेमियादी अनशन करते रहे। जनवरी में प्रशिक्षुओं की हालत बिगड़ने पर जिला प्रशासन को भी हस्तक्षेप करना पड़ा, फिर भी अब तक यह प्रकरण ज्यों का त्यों है। परिषद को शासन के निर्देश का इंतजार है।’>>2016 में चयनित, छह माह की प्रशिक्षण परीक्षा पास फिर भी अनसुनी 1’>>11 माह से देख रहे नियुक्ति की राह परिषद के प्रस्ताव पर भी शासन मौनचयन पर शीर्ष कोर्ट की मुहर 1सुप्रीम कोर्ट ने 72825 शिक्षकों की भर्ती मामले की सुनवाई करते हुए 25 जुलाई, 2017 को अंतिम निर्णय पारित किया। कोर्ट ने इस भर्ती के तहत चयनित 66 हजार 655 अभ्यर्थियों के चयन पर मुहर लगा दी। इसी संख्या में 803 अभ्यर्थी भी समाहित हैं, फिर भी अनसुनी हो रही है।