लखनऊ : माध्यमिक कॉलेजों में ऊंची पहुंच वालों का मनचाहा तबादला, राजकीय कॉलेजों के 581 शिक्षकों का ऑनलाइन और इससे अधिक के ऑफलाइन तबादले जारी, अफसर सिर्फ रिपोर्ट भेज रहे
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : परिषदीय स्कूलों के अंतर जिला तबादलों में जिस तरह से गड़बड़ियां उजागर हो रही हैं, वैसी ही खामियां माध्यमिक शिक्षकों के स्थानांतरण में हैं। बेसिक स्कूलों में चंद शिक्षकों का ऑफलाइन तबादला हुआ, जबकि माध्यमिक में जितने ऑनलाइन स्थानांतरण हो चुके हैं, लगभग उतने ही ऑफलाइन तबादले हो रहे हैं। यह प्रक्रिया अब भी जारी है। खास बात यह है कि शिक्षक का पीड़ित होना भी जरूरी नहीं है, केवल ऊंची पहुंच से ही मनचाहा तबादला हो रहा है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने छह जून को पहली बार ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत राजकीय इंटर कालेजों के 581 शिक्षकों के तबादले किए। मुख्यमंत्री ने पंचम तल स्थित अपने कार्यालय से इस सूची को जारी किया। वेबसाइट पर उनके क्लिक करते ही आवेदकों के मोबाइल में तबादले के मैसेज पहुंचे। इस पारदर्शी प्रक्रिया का खूब प्रचार हुआ लेकिन, अफसरों ने यह नहीं बताया इन तबादलों के पहले तमाम शिक्षकों के ऑफलाइन स्थानांतरण हो चुके हैं। निर्देश था कि जून के बाद अशासकीय व राजकीय शिक्षकों के तबादले नहीं होंगे लेकिन, निदेशालय में अब भी स्थानांतरण सूची लगातार आ रही हैं और संबंधित शिक्षक की रिपोर्ट तलब की जा रही है। खास बात यह है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक या फिर अन्य अफसर की जगह मंत्री का कार्यालय हर आदेश जारी कर रहा है। इस समय एलटी ग्रेड के 80 और प्रवक्ता के करीब 50 तबादला आदेश जारी होने की प्रक्रिया में हैं। ऊंची पहुंच वालों के तबादला आदेश से अफसर भी परेशान हैं, क्योंकि उन्हें आम शिक्षकों के सवालों का जवाब सूझ नहीं रहा है।
आठ जिलों से तबादले निरस्त
ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया में राजकीय माध्यमिक के शिक्षकों के 1412 आवेदन हुए। इनमें 710 उपयुक्त मिले। अधिक गुणांक वाले 581 शिक्षक/शिक्षिकाओं का स्थानांतरण हुआ। तबादले की प्रक्रिया 10 मई से शुरू होकर छह जून तक चली। इसमें उन आठ जिलों के शिक्षकों के भी तबादले हुए जो एस्पिरेशन जिले में आते हैं। बेसिक स्कूलों के स्थानांतरण आदेश में इन जिलों से तबादला न होने के बाद माध्यमिक ने भी सिद्धार्थ नगर, श्रवस्ती, बहराइच, सोनभद्र, चंदौली, फतेहपुर, चित्रकूट व बलरामपुर से स्थानांतरित शिक्षकों के आदेश निरस्त कर दिए। ऐसे में ऑनलाइन स्थानांतरित शिक्षकों की संख्या और घट गई है।